मंगलवार 9 रमज़ान 1445 - 19 मार्च 2024
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क्या वे गोलियाँ जो जीभ के नीचे रखी जाती हैं और शरीर उन्हें अवशोषित कर लेता है, रोज़े को अमान्य कर देती हैं?

प्रश्न

प्रश्न : एक प्रकार की गोली है जो कुछ हृदय रोगियों द्वारा इस्तेमाल की जाती है। यह गोली जीभ के नीचे रखी जाती है इसे निगला नहीं जाता, और शरीर इसे अवशोषित कर लेता है, तो क्या इस गोली से रोज़ा टूट जायेगा?

उत्तर का पाठ

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।

जीभ के नीचे का क्षेत्र - जैसा कि डॉक्टरों का कहना है - उपचार को अवशोषित करने के रूप में शरीर का सबसे तेज़ क्षेत्र है। इसी कारण दिल के कुछ दौरों (एंजाइना) का सबसे तेज़ उपचार वह गोली है जो जीभ के नीचे रखी जाती है, तो उसे सीधे और तेज़ी से अवशोषित कर लिया जाता है, और रक्त उसे दिल तक ले जाता है तो उसका अचानक दौरा (एनजाइना हमला) बंद हो जाता है।

इस प्रकार की गोली रोज़ा को अमान्य नहीं करती है क्योंकि उसे मुँह में अवशोषित कर लिया जाता है, और उसमें से कोई चीज़ पेट में प्रवेश नहीं करती है।

और जो व्यक्ति इसे इस्तेमाल करता है उसे चाहिए कि उसके मुँह में घुल जाने के बाद और शरीर के उसे अवशोषित करने से पूर्व उसमें से कोई चीज़ निगलने से परहेज़ करे।

तथा ''मुजम्मउल फिक़हिल इस्लामी'' (इस्लामी फिक़्ह परिषद) के निर्णय में आया है कि :

''निम्नलिखित बातें रोज़ा तोड़ने वाली चीज़ों में से नहीं समझी जायेंगी: ... एंजाइना पेक्टोरिस और अन्य समस्याओं का इलाज करने के लिए जीभ के नीचे रखी जाने वाली उपचार की गोलियाँ, जब गले तक पहुँचने वाली चीज़ को निगलने से बचा जाए।'' परिषद की बात समाप्त हुई।

देखिए : ''मजल्लह मुजम्मउल फिक़हिल इस्लामी'' (10/2/96, 454) ''मुफत्तिरात अस्सियाम अल-मुआसिरह'' लेखक डॉक्टर अहमद अल-खलील पृष्ठ (38, 39).

स्रोत: साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर