गुरुवार 18 रमज़ान 1445 - 28 मार्च 2024
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क्या बाएं हाथ से क़ुर्बानी की जा सकती है?

प्रश्न

क्या दाएं हाथ से क़ुर्बानी करने में सक्षम न होने के कारण बाएं हाथ से क़ुर्बानी करना जायज़ है?

उत्तर का पाठ

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.

विद्वानों ने इस बात को मुसतहब समझा है कि दाहिने हाथ से ज़बह करना चाहिए, इसलिए कि यह ज़बह किए जाने वाले जानवर के लिए अधिक आरामदायक है, क्योंकि अधिकतर लोग दाएं हाथ ही का इस्तेमाल करते हैं, तो यह उसके लिए अघिक मज़बूती और शक्ति का कारण होता है।

जहाँ तक बाएं हाथ से ज़बह करने का मामला है, तो वह सर्वश्रेष्ठ पद्वति के विपरीत है। हाँ, यदि उसका बायें हाथ से ज़बह करना, उसके ज़बह करने में अधिक ताक़त का कारण और ज़बह किए जानेवाले जानवर के लिए अधिक आरामदायक है, तो ऐसी स्थिति में वह बायें हाथ से ही ज़बह करेगा, और यह उसके हक़ में दाहिने हाथ से ज़बह करने से बेहतर होगा।

शैख इब्ने उसैमीन रहिमहुल्लाह ने फरमाया : ‘‘ज़बह करने में दाहिने हाथ का होना शर्त नहीं है, बल्कि वह दाहिने और बायें दोनों हाथों से जायज़ है, क्योंकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम फरमाते हैं : जो खून को बहा दे और उस पर अल्लाह का नाम लिया गया हो, तो उसे खाओ।’’ आप ने उसे दाएं हाथ से होने की क़ैद नहीं लगाई है। लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि दाएं हाथ से ज़बह करना बेहतर है, क्योंकि वह अधि शक्ति वाला है और जब वह अधिक शक्ति वाला है, तो वह ज़बह किए जाने वाले जानवर को अधिक आराम पहुँचाने वाला होगा। और नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने ज़बीहा को आराम पहुँचाने का आदेश किया है, चुनांचे आप ने फरमाया : अल्लाह ने हर चीज़ के साथ एहसान व भलाई करना अनिवार्य कर दिया है, अतः जब तुम क़त्ल करो तो अच्छी तरह से क़त्ल करो, और जब तुम जानवर ज़बह करो तो अच्छी तरह ज़बह करो, तुम्हें अपनी छुरी तेज़ कर लेनी चाहिए और अपने ज़बीहे को आराम पहुँचाना चाहिए।’’

इस आधार पर, कभी ऐसा भी हो सकता है कि बायें हाथ से ज़बह करना दाहिने हाथ से ज़बह करने से बेहतर हो, जैसे कि इन्सान बयंहथा हो, अर्थात् वह बायें हाथ से काम करता हो, दाएं हाथ से काम न करता हो। तो ऐसी हालत में सर्वोचित यह है कि वह बायें हाथ से ज़बह करे, क्योंकि वह अधिक ताक़तवर है, इसलिए वह जानवर को ज़्यादा आराम पहुँचाने वाला होगा।

उत्तर का सारांश यह है कि : हम कहते हैं कि : इन्सान के लिए बायें हाथ से ज़बह करने में कोई आपत्ति की बात नहीं है, क्योंकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने इस बात की शर्त नहीं लगाई है कि दायें हाथ से ज़बह किया जाए।’’

निम्नलिखित लिंक पर फतावा नूरून अलद दर्ब देखा जा सकता है :

और इसी तरह का फत्वा आदरणीय शैख इब्ने बाज़ रहिमहुल्लाह ने भी दिया है जैसाकि

तथा प्रश्न संख्या : (162299 ) का उत्तर देखें।

स्रोत: साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर