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क्या वह अपनी पत्नी को घर से बाहर काम करने के लिए मजबूर का सकता है ॽ

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प्रकाशन की तिथि : 02-02-2013

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प्रश्न

कुछ महीने हुए एक युवा के साथ मेरी शादी हुई है जो एक नास्तिक देश में रहता है, और यह तथ्य कि उसने अपने परिवार, जो कि एक सभ्य और खुला परिवार है, के विरोध के बावजूद मेरे नक़ाब पहनने के विचार को स्वीकार कर लिया, मुझे प्रभावित करता है और वह मेरी दृष्टि में बहुत बड़ा बन गया है। जहाँ तक उसकी बात है तो वह समय बीतने के साथ धार्मिकता को और अधिक पसंद करने लगा और इस बात पर अल्लाह का गुणगान करता है कि उसे एक दीनदार (धर्मनिष्ठ) पत्नी प्रदान की, और मैं यह महसूस करने लगी कि मुझे कामयाब जोड़ी मिल गई। लेकनि मुझे प्रतीक हुआ कि वह मेरे काम करने के विषय पर ज़ोर देता है, वह मुझसे चाहता है कि मैं काम करने के लिए बाहर निकलूँ और कुछ पैसा कमाऊँ ताकि उसकी मदद कर सकूँ। वह कहता है कि वह आर्थिक रूप से स्थिर नहीं है और उसे मदद की आवश्यकता है, शायद वह अप्रत्यक्ष रूप से यह संकेत दे रहा है कि मैं अपने पिता को जो कि एक अमीर आदमी हैं, बताऊँ कि वह हमारी सहायता करें। यह बात कल्पना में भी नहीं थी, क्योंकि मैं एक ऐसी औरत हूँ कि घर पर रहना चाहती हूँ ताकि अपनी वैवाहिक जीवन और घर के मामलों की देखभाल करूँ, और मैं ने कई बार उस के साथ इस मुद्दे पर बात की है कि यह मेरे लिए किसी भी तरह उचित नहीं है, लेकिन वह मेरी बात को गंभीरता से नहीं लेता है, जिसकी वजह से मैं इस संबंध में अपने पिता से बात करने पर मजबूर हो गई ताकि वह हमारे लिए इसका समाधान खोजें। यह मुद्दा मुझे बहुत परेशान कर रहा है, और मैं इन सब का अंत करना चाहती हूँ। इसलिए मैं ने इस शादी के अनुबंध को रद्द करने अर्थात तलाक़ के बारे में सोचा है। लेकिन मुझे याद आ रहा है कि इस शादी पर सहमत होने से पहले मैं ने इस्तिखारा की नमाज़ पढ़ी थी, तथा मेरे माता पिता उससे और उसके परिवार से प्यार करते हैं, किंतु अब मैं अलग भावना का एहसास करती हूँ, और मै ने पाया है कि हमारे कुछ धार्मिक एवं सांसारिक मुद्दों के समझ से संबंधित हम दोनों के बीच विशाल अंतर पाया जाता है।
तो मेरी समझ में नहीं आता कि मैं क्या करूँ ॽ क्या कोई सलाह व नसीहत है ॽ

उत्तर का पाठ

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।

पति के लिए इस बात की अनुमति नहीं है कि वह अपनी पत्नी को काम करने के लिए घर से बाहर निकलने पर बाध्य करे, क्योंकि सर्वसम्मति के साथ उसके ऊपर पत्नी का खर्च अनिवार्य है, तथा अल्लाह तआला का फरमान है :

الرِّجَالُ قَوَّامُونَ عَلَى النِّسَاءِ بِمَا فَضَّلَ اللَّهُ بَعْضَهُمْ عَلَى بَعْضٍ وَبِمَا أَنْفَقُوا مِنْ أَمْوَالِهِمْ [النساء : 34].

“पुरूष, महिलाओं पर निरीक्षक हैं, इस कारण कि अल्लाह ने एक को दूसरे पर विशेषता दी है, और इस कारण कि पुरूषों ने अपना धन खर्च किया है।” (सूरतुन्निसा : 34).

तथा जाबिर रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत है कि उन्हों ने कहा कि : नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया : “तुम महिलाओं के बारे में अल्लाह तआला से डरो, क्योंकि तुम ने उन्हें अल्लाह की अमानत से लिया है, और उनकी शरमगाहों को अल्लाह के कलिमा (वचन) के द्वारा हलाल किया है, और उनका तुम्हारे ऊपर अधिकार यह है कि तुम परंपरा के अनुसार उन की जीविका और कपड़े की व्यवस्था करो।” इसे मुस्लिम (हदीस संख्या : 1218) ने रिवायत किया है।

इमाम नववी रहिमहुल्लाह ने फरमाया : “इससे पत्नी के खर्च और कपड़े की अनिवार्यता का पता चलता है, और यह बात सर्वसम्मति के साथ प्रमाणित है।” “शरह सहीह मुस्लिम” (8/184) से अंत हुआ।

तथा प्रश्न संख्या (5591) और (12465) का उत्तर देखें।

जहाँ तक आपके शादी के अनुबंध को समाप्त करने की अभिरूचि का संबंध है तो हम आप को नसीहत करते हैं कि इस बारे में कोई निर्णय लेने से पहले पति के साथ समझौता होना चाहिए, तथा काम करने के इस मुद्दे और इसके अलावा अन्य मुद्दे जिनके अंदर आप दोनों के बीच मतभेद है उनके बारे में उसके साथ अच्छी तरह से बातचीत और सुचारू ढंग से चर्चा होना चाहिए।

तथा हम आप को यह भी सलाह देते हैं कि शादी के मामले को संपन्न करने के मामले में सोच विचार और सावधानी से काम लेना चाहिए, ताकि आप जीविका के बोझ को उठाने पर उसकी आर्थिक क्षमता से आश्वस्त हो जाएं, और इस बात से कि यह आप दोनों के जीवन के स्वभाव और आप दोनों के बीच के संबंध को प्रभावित नहीं करेगा।

तथा हम आपको यह भी सलाह देते हैं कि जितना हो सके तलाक़ से दूर रहें, सिवाय इसके कि ऐसी परिस्थिति आ जाए कि आप उन मतभेदों के प्रकाश में उसके साथ जीवन बिताना कठिन या दुर्लभ समझें। तथा आप अपने परिवार के विचार और परामर्श वाले लोगों से परामर्श और सलाह लें और इस संबंध में उनके विचार से मार्गदर्शन प्राप्त करें, अल्लाह आप को तौफीक़ प्रदान करे और शुद्ध मार्ग दर्शाए।

और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।

स्रोत: साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर