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उसे विभिन्न अवसरों पर पाँच बार तलाक़ दे दी

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प्रकाशन की तिथि : 05-12-2012

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प्रश्न

लंबित क़समों के कारण बीस वर्ष के बाद मुझे तलाक़ दे दी गई, लेकिन मैं जानकारी चाहती हूँ ताकि इंतिज़ार न करूँ। पहली तलाक़ के समय उसने - जबकि वह गुस्से में था और जो कुछ कह रहा था उसे समझ रहा था - कहा: “तुम्हें तलाक़ है”, दूसरी तलाक़ लंबित क़सम थी : “यदि तुम घर से निकली तो तुम्हें तलाक़ हो जायेगी”, और मैं घर से निकली थी, जबकि मुझे उसकी नीयत के बारे में याद नहीं है। तीसरी तलाक़ उस समय की है जब मैं उसके मेरे साथ विश्वासघात करने की वजह से टूटी हुई थी और मैं ने उससे टेलीफोन पर बात किया कि यदि तुम मुझे तलाक़ नहीं दोगे तो मैं तुम्हारे बच्चों को क़त्ल कर दूँगी, मेरे पति के कहने के अनुसार उसने अपने मन में कहा : अल्लाह की क़सम ! मैं तलाक़ की नीयत नहीं रखता हूँ, अल्लाह की क़सम ! मैं तलाक़ की नीयत नहीं रखता हूँ, अल्लाह की क़सम ! मैं तलाक़ की नीयत नहीं रखता हूँ, और मुझे ठंडा करने के लिए उसने बोल दिया कि “तुम्हे तलाक़ है”, वह अपने बच्चों पर भय महसूस कर रहा था, क्योंकि मेरी स्थिति साधारण नहीं थी, चौथी तलाक़ लंबित क़सम थी : “यदि तुम ने हमारी समस्याओं के बारे में किसी से दुबारा शिकायत की तो तुम्हें तलाक़ होगी”, और मुझे याद नहीं कि मैं ने किसी से शिकायत की थी, पाँचवी तलाक़ : मैं सोई हुई थी और उसने मेरी बेटी पर क़सम खाई कि : “यदि तेरी माँ ने तेरे लिए दरवाज़ा खोला और तुझे अंदर दाखिल कर लिया तो उसे तलाक़ होगी”, और मेरी बेटी ने मेरे दरवाज़ा खोलने के बाद मुझे सूचित किया, और उसका कहना था कि उसकी नीयत धमकी की थी, अंतिम तलाक़ : उसने मेरे ऊपर क़सम खाई कि “मैं आज अपने पिता के पास अपने देश में यात्रा कर जाऊँ और अगर मैं ने यात्रा नहीं किया तो मैं तलाकशुदा हो जाऊँगी”, और मैं ने यात्रा नहीं किया, और उसकी नीयत तलाक़ की थी।
मुझे अवगत करायें ; क्योंकि मेरा पति अपने बेटों और अपने परिवार के जीवन के प्रति लापरवाह है, जबकि वह एक बड़ी शैक्षिक डिग्री रखता है, किंतु उसे मुझसे घृणा हो गई है और शादी के बाद उसका आचार व व्यवहार मेरे साथ बदल गया है, मैं ने बच्चों के कारण उसकी घृणापूर्ण और नफरत भरे बर्ताव के बावजूद सब्र से काम लिया, अब यह सब कुछ होने के बाद वह घर नहीं आता है और बिरले ही हमारे बारे में पूछता है, मुझे इस बारे में सलाह और जानकारी दें। ज्ञात रहे कि वह मुझे लौटाना नहीं चाहता है, और यदि मैं लौट गई तो निलंबित जीवन व्यतीत करना पड़ेगा जिस तरह कि उसके मुझसे शादी करने के बाद मेरी हालत थी।

उत्तर का पाठ

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।

सर्व प्रथम:

हम इस बात पर चेतावनी देते हैं कि उपर्युक्त तलाक़ों में से केवल वही तलाक़ें पड़ेंगीं जिनके बारे में किसी शरई अदालत ने फैसला दे दिया है, या आप ने उनके बारे में किसी विश्वस्त विद्वान से फत्वा पूछा है और उसने तलाक़ पड़ने का फत्वा दिया है।

दूसरा :

यदि इन तलाक़ों के बारे में किसी अदालत का फैसला नहीं है, या इसके बारे में कोई फत्वा नहीं पूछा गया है, तो मेरे लिए जो बात स्पष्ट और प्रत्यक्ष होती है वह निम्नलिखित है :

पहली तलाक़ : यदि तलाक़ सख्त गुस्से की हालत में हुई है और उसे तलाक़ देने पर गुस्से ने ही उभारा है और यदि गुस्सा न होता तो वह तलाक़ न देता, तो राजेह (उचित) कथन के अनुसार तलाक़ नहीं पड़ेगी भले ही पति गुस्से की हालत में जो कह रहा था उसे समझता था। तथा प्रश्न संख्या (45174) का उत्तर देखें।

दूसरी तलाक़ : यह लंबित तलाक़ में से है, और उसमें पति की नीयत को देखा जायेगा, यदि उसने तलाक़ की नीयत की है तो एक तलाक़ हो जायेगी, और यदि उसने धमकी और रोकने की नीयत की थी तो उसके ऊपर क़सम का कफ्फारा अनिवार्य है, और यदि वह अपनी नीयत भूल गया है तो तलाक़ हो जायेगी।

तीसरी तलाक़ : यदि पति वास्तव में इस बात से डर रहा था कि तुम बच्चों को मार डालो गी या उन्हें स्पष्ट नुक़सान पहुँचाओ गी, तो उसकी तलाक़ नहीं पड़ेगी ; क्योंकि वह मजबूरी का तलाक़ है।

चौथी तलाक़ : लंबित तलाक़ में से है, और वह नहीं पड़ेगी सिवाय इसके कि आप उपने समस्याओं की किसी से शिकायत कर दें और पति अपनी बात से तलाक़ की इच्छा रखता था।

पाँचवी तलाक़ : लंबित तलाक़ में से है, और उस से पति की नीयत तलाक़ की थी, अतः वह तलाक़ हो जायेगी।

इस आधार पर : पहली तलाक़ के साथ गुस्से की मुद्रा की जानकारी के द्वारा उसके हुक्म का पता चल जाता है।

तथा पति के पास जाकर और उसकी नीयत के बारे में पूछकर दूसरी तलाक़ का हुक्म जाना जा सकता है।

इसी तरह उस से जानकारी करके तीसरी तलाक़ का हुक्म जाना जा सकता है।

यदि अंतिम तलाक़ के बाद पति ने आपको नहीं लौटाया है, और आपकी इद्दत समाप्त हो गई, तो यह आप दोनों के बीच जुदाई हो गई, और वह आपके पास एक नये शादी के अनुबंध के द्वारा ही लौट सकता है बशर्ते कि वह तलाक़ जो आपके ऊपर पड़ी है तीसरी तलाक़ न हो।

स्रोत: साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर