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क्या अन-नूर (प्रकाश) अल्लाह के सबसे अच्छे नामों में से एक हैॽ “अब्दुन-नूर” नाम रखने का क्या हुक्म हैॽ
हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
विद्वानों ने (अन-नूर) नाम के बारे में मतभेद किया है कि क्या यह अल्लाह के सबसे अच्छे नामों में से एक हैॽ
पहला कथन :
यह अल्लाह के सबसे अच्छे नामों से एक है। क्योंकि सर्वशक्तिमान अल्लाह का कथन है :
اللَّهُ نُورُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ
النور: 35
“अल्लाह आकाश और पृथ्वी का प्रकाश है।” (सूरतुन-नूर : 35)
इब्नुल-क़य्यिम रहिमहुल्लाह ने कहा :
सर्वशक्तिमान अल्लाह ने अपने आपको “नूर” (प्रकाश) कहा है, तथा अपनी पुस्तक को नूर (प्रकाश), अपने रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को नूर (प्रकाश) और अपने दीन को प्रकाश के रूप में वर्णित किया है और नूर (प्रकाश) के द्वारा अपनी रचना से छिपा हुआ है, और अपने दोस्तों के घर को चमकने वाला नूर (प्रकाश) बनाया है।" “इज्तिमाउल-जुयूश अल-इस्लामिय्यह” (2/44)।
तथा उन्होंने “अन-नूनियह” (पृष्ठ : 212) में कहा :
“अन-नूर” भी उसके नामों में से एक है और उसकी विशेषताओं में से एक है, पवित्र है वह अल्लाह जो स्पष्ट प्रमाणों वाला है।
तथा इब्ने खुज़ैमा रहिमहुल्लाह ने भी उल्लेख किया है “अन-नूर” अल्लाह के सबसे अच्छे नामों में से एक है, जैसा प्रश्न संख्या : (149122) के उत्तर में उल्लेख किया गया है।
दूसरा कथन :
यह अल्लाह के सबसे अच्छे नामों में से नहीं है।
इफ्ता की स्थायी समिति के विद्वानों से पूछा गया : क्या किसी व्यक्ति का “अब्दुन-नूर” नाम रखना जायज़ हैॽ
तो उन्होंने उत्तर दिया :
“अल्लाह के नाम तौक़ीफ़ी हैं [अर्थात् वे क़ुरआन और सुन्नत के प्रमाणों पर आधारित हैं, इज्तिहाद के अधीन नहीं हैं], और इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि “अन-नूर” अल्लाह के नामों में से एक नाम है, और उसके आधार पर किसी को “अब्दुन-नूर” कहना जायज़ नहीं है।” उद्धरण समाप्त हुआ।
शैख अब्दुल-अज़ीज़ बिन बाज़, शैख अब्दुल-अज़ीज़ आलुश-शैख, शैख अब्दुल्लाह अल-ग़ुदय्यान, शैख सालेह अल-फ़ौज़ान, शैख बक्र अबू ज़ैद।
“फतावा अल-लजनह अद-दाईमह” (10/510) द्वतीय संग्रह से उद्धरण समाप्त हुआ।
शैख इब्ने बाज़ रहिमहुल्लाह ने कहा :
“अन-नूर का शब्द मुज़ाफ़ के रूप में आया है (अर्थात् अल्लाह की ओर निस्बत करके इस्तेमाल हुआ है), इसलिए किसी व्यक्ति का (अब्दुन-नूर) नाम नहीं रखा जाएगा। और अल्लाह का “अन-नूर” नाम नहीं आया है।” उद्धरण समाप्त हुआ।
http://www.denana.com/main/articles.aspx?article_no=3550
तथा शैख अब्दुर-रहमान अल-बर्राक हफ़िज़हुल्लाह से पूछा गया : क्या “अन-नूर” का नाम अल्लाह के सबसे अच्छे नामों में से एक हैॽ
तो उन्होंने जवाब दिया :
“मुझे याद नहीं है कि किसी सहीह हदीस में 'अन-नूर' नाम अल्लाह के लिए एक नाम के रूप में बोले जाने का उल्लेख किया गया है, सिवाय उस रिवायत में जिसे हदीस के विद्वान ज़ईफ़ (कमज़ोर) क़रार देते हैं, जो अल्लाह के सबसे अच्छे नामों को सूचीबद्ध करने के बारे में है।
ऐसा लगता है कि इब्नुल-क़य्यिम रहिमहुल्लाह इसकी पुष्टि करते हैं और 'अन-नूर' नाम को साबित करते हैं, लेकिन उन्होंने इसका कोई प्रमाण उल्लेख नहीं किया है। क्योंकि क़ुरआन और सुन्नत में जो उल्लेख हुआ है वह : نور السماوات والأرض “आकाशों और धरती का प्रकाश” है। अतः अगर यह कहा जाए कि : अल्लाह के नामों में से एक “नूरुस-समावाति वल-अर्ज़” (आकाशों और धरती का प्रकाश) है, तो यह सही है, लेकिन जहाँ तक केवल “नूर” शब्द का संबंध है, कि "अल्लाह नूर है।”, तो ऐसा नहीं है।”
“मुल्तक़ा अह्लिल-हदीस” फोरम से उद्धरण समाप्त हुआ।
http://www.ahlalhdeeth.com/vb/archive/index.php/t-94852.html
शैख अब्दुल-अज़ीज़ अर-राजही हफ़िज़हुल्लाह ने कहा :
“नूर (प्रकाश) अल्लाह के गुणों में से एक गुण है, जैसा कि अल्लाह की महिमा और महानता के योग्य है। लेकिन उसका उल्लेख अल्लाह की ओर निस्बत करते हुए हुआ है : نُورُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ “आकाशों और धरती का नूर (प्रकाश)।” और उसका स्वतंत्र रूप से उल्लेख नहीं हुआ है। इसलिए यह नहीं कहा जा सकता कि : अल्लाह के नामों में से एक नाम बिना किसी प्रतिबंध के “अन-नूर” है; क्योंकि ऐसा वर्णित नहीं है।” उद्धरण समाप्त हुआ।
http://shrajhi.com/Books/ID/449
तथा शैख़ बक्र अबू ज़ैद रहिमहुल्लाह ने उल्लेख किया है कि जिन नामों का रखना निषिद्ध और वर्जित है, उनमें से एक “अब्दुन-नूर” है, क्योंकि इसमें अल्लाह के अलावा अन्य की पूजा करना पाया जाता है।” “मो'जमुल-मनाही अल-लफ्ज़िय्यह” (पृष्ठ : 282) से उद्धरण समाप्त हुआ।
तथा शैख अल-अलबानी रहिमहुल्लाह ने कहा : “मुझे नहीं पता कि किसी प्रामाणिक हदीस में “अन-नूर” अल्लाह के नामों में से एक नाम है।” उद्धरण समाप्त हुआ।
https://www.youtube.com/watch?v=IPlrzAU1_90&feature=youtu.be
इसके आधार पर, “अब्दुन-नूर” नाम रखना उचित नहीं है, क्योंकि यह कम से कम उन चीजों में से है जो संदिग्ध हैं, और नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया है : “जो तुम्हें संदिग्ध लगता है उसे छोड़कर उसको अपनाओ जो तुम्हें संदिग्ध नहीं लगता है।”
लेकिन जहाँ तक उस व्यक्ति की बात है, जो इससे पहले यह नाम रख चुका है, तो हमें यह नहीं लगता कि उसे बदलना ज़रूरी है। क्योंकि उसका इरादा अल्लाह ही की दासता व्यक्त करना है, तथा ”अन-नूर” को अल्लाह के नामों में से मानने का एक मज़बूत, विश्वसनीय तर्क है, और यह विद्वानों के एक समूह का मत है।
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।