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कोई अच्छी चीज़ घटने पर किसी व्यक्ति से : ''आपका चेहरा हमारे लिए सौभाग्य लाता है'' कहने का क्या हुक्म हैॽ
हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
किसी आदमी का अपने साथी से यह कहना किः ''आपका चेहरा हमारे लिए सौभाग्य लाता है'', अगर वह इसे आशावाद (और अच्छे शकुन) के तौर पर कहता है, तो इसमें उसपर कोई आपत्ति की बात नहीं है। क्योंकि ऐसा संभव है कि कोई अच्छी चीज़ घटित हो और संयोग से उसी समय कोई व्यक्ति आ जाए, तो आदमी उसके सदाचार की वजह से, या उसके सुंदर और हंसमुख चेहरे के कारण, या उसके अच्छे नाम की वजह से, उससे अच्छा शकुन ले (उसके बारे में आशावाद व्यक्त करे)।
अबू दाऊद (हदीस संख्या : 3920) ने अब्दुल्लाह बिन बुरैदा से उन्होंने अपने बाप से रिवायत किया है कि : पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम किसी भी चीज़ से अपशकुन नहीं लेते थे। तथा जब आप किसी कार्यकर्ता को भेजते थे, तो आप उसका नाम पूछते थे। अगर उसका नाम आपको पसंद आता, तो आप उससे खुश होते और उसकी खुशी आपके चेहरे पर देखी जाती। और यदि आपको उसका नाम पसंद न आता, तो वह अरुचि आपके चेहरे पर दिखाई देती। जब आप किसी बस्ती में प्रवेश करते, तो आप उसका नाम पूछते। यदि आपको उसका नाम पसंद आता, तो आप उससे खुश होते और उसकी खुशी आपके चेहरे पर दिखाई पड़ती। और यदि आपको उसका नाम नापसंद होता, तो उसकी अरुचि आपके चेहरे पर दिखाई पड़ती।''
इसे अल्बानी ने ''सहीह अबू दाऊद'' में सही कहा है।
तथा अल-बज़्ज़ार (हदीस संख्या : 4383) ने बुरैदा रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत किया है कि उन्होंने कहा : ''अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फ़रमाया : "जब तुम किसी को मेरे पास संदेश देकर भेजो, तो किसी ऐसे व्यक्ति को चुनो, जो सुंदर चेहरे और अच्छे नाम वाला हो।”
इसे अल्बानी ने “अस-सहीहा” (हदीस संख्या : 1186) में सही कहा है।
अल-मुनावी रहिमहुल्लाह ने फरमाया :
''ऐसा उसके सुंदर रूप और अच्छे नाम से शुभ शकुन लेने के लिए (आशावाद के तौर पर) है।'' ''अत-तैसीर'' (1/57) से उद्धरण समाप्त हुआ।
शैख अलबानी रहिमहुल्लाह ने कहा :
''रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का इस बात पर बल देना कि संदेश का लाने वाला व्यक्ति अच्छे रूप वाला हो, यह आशावाद (शुभ शकुन लेने) के अध्याय से है।'' उद्धरण समाप्त हुआ।
शैख़ सालेह अल-फ़ौज़ान हफिज़हुल्लाह से पूछा गया :
किसी का अपने दोस्त से यह कहने का क्या हुक्म है कि : आपका चेहरा मेरे लिए भलाई (सौभाग्य) का चेहरा है, क्योंकि जब से आप आए हैं मेरा व्यवसाय बढ़ गया है और मेरा स्वास्थ्य बेहतर हो गया हैॽ
तो उन्होंने उत्तर दिया :
''इसमें कोई आपत्ति की बात नहीं है, यह आशावाद (अच्छा शकुन लेने) के तौर पर है।'' उद्धरण समाप्त हुआ।
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।