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रोज़ा रखने वाले के लिए रमज़ान में दिन के दौरान कोरोना [कोविड-19] की जाँच कराने का क्या हुक्म हैॽ क्या इससे रोज़ा टूटता है या नहींॽ ज्ञात रहे कि स्वाब नमूना कभी मुँह से और कभी नाक से लिया जाता है।
हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
हर प्रकार की प्रशंसा और स्तुति केवल अल्लाह के लिए योग्य है।
रमज़ान में दिन के दौरान कोरोना (कोविड-19) के टेस्ट के लिए स्वाब का नमूना देने में कोई हर्ज नहीं है, चाहे मुँह से स्वाब लिया गया हो या नाक से; क्योंकि गले या नाक में स्वाब का यंत्र डालने से रोज़ा नहीं टूटता।
फुक़हा (धर्म शास्त्रियों) ने निर्दिष्ट किया है कि ‘गले और मुँह के अंदर’ का क्या मतलब है, जहाँ कोई चीज़ पहुँचने पर रोज़ा टूट जाता है। इसे प्रश्न संख्या : (312620) के उत्तर में पहले बयान किया जा चुका है।
यदि यह मान लिया जाए कि स्वाब का नमूना लेने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला उपकरण गले तक पहुँच जाता है, तो भी यह रोज़ा नहीं तोड़ेगा। क्योंकि यह भोजन या पेय नहीं है, और न ही भोजन या पेय के अर्थ में है। तथा इसमें से कुछ भी पेट तक नहीं पहुँचता है। इसलिए यह शैखुल-इस्लाम इब्ने तैमिय्यह और विद्वानों के एक समूह द्वारा अपनाए गए विचार के अनुसार रोज़ा नहीं तोड़ेगा।
जिन चीज़ों से रोज़ा नहीं टूटता है, उनसे संबंधित इस्लामिक फ़िक़्ह काउंसिल के एक बयान में आया है :
“15- गैस्ट्रोस्कोपी, जबकि उसके साथ तरल पदार्थ (घोल) या अन्य पदार्थ न दिए गए हों।”
“मजल्लत अल-मजमा” (10/2/453-455) से उद्धरण समाप्त हुआ।
गैस्ट्रोस्कोप गले और ग्रसनी से परे तक जाता है यहाँ तक कि पेट तक पहुँच जाता है, फिर भी यह रोज़ा नहीं तोड़ता है। इसलिए यह अधिक योग्य है कि स्वाब का नमूना लेने वाले यंत्र के गले में डालने से रोज़ेदार का रोज़ा नहीं टूटेगा, नाक की तो बात ही छोड़ दें।
अधिक लाभ के लिए इस प्रश्न का उत्तर भी देखें : क्या रमज़ान में दिन के दौरान कोरोना वैक्सीन लेने से रोज़ा खराब हो जाता हैॽ
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।