हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।
जी हाँ, सहीबुख़ारीऔर इसके अतिरिक्त अन्य किताबों मे साबित
है कि एक यहूदी बच्चा नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की सेवा किया करता था। एक बार
वह बीमार हो गया तो अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम उसकी अयादत करने के
लिए गये, और उस के ऊपर इस्लाम को पेश किया। इसकी कहानी इस प्रकार है जैसाकि अनस
बिन मालिक रज़ियलल्लाहु अन्हु ने बयान किया है किः “एक यहूदी बच्चा अल्लाह के नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की
सेवा किया करता था, तो वह बीमार पड़ गया। चुनाँचे अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि
व सल्लम उसे देखने के लिए गए। आप उस के सिर के पास बैठ गए। फिर आप ने फरमायाः
इस्लाम ले आ। तो उस ने अपने पिता की ओर देखा जो कि उस के सिर के पास बैठा था, तो
उस के पिता ने उससे कहा : अबुल क़ासिम (अर्थात मुहम्मद) सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम
की बात मान लो। चुनाँचे वह मुसलमान हो गया। तो नबीसल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम यह कहते हुए बाहर
निकले कि : सभी प्रशंसायें उस अल्लाह के
लिए योग्य हैं जिस ने उसे नरक के आग से बचा लिया।” इसहदीसकोबुख़ारी (हदीस संख्याः 1356)ने रिवायत किया है।
लेकिन स्रोतों में हमें इस बच्चे के नाम का, तथा उसके रसूल सल्लल्लाहु अलौहि व सल्लम की सेवा करने के बारे में किसी चीज़ का उल्लेख नहीं मिलता है। और न ही इस बात का उल्लेख किया गया है कि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने उसकी सेवा किस कारण स्वीकार की।
हाफ़िज़इब्नेहजर “फ़तहुलबारी” (3/221) मेंकहते हैं कि :
"(एक यहूदी बच्चा अल्लाह के नबी की सेवा करता था) मुझे इस बच्चे का नाम किसी भीमौसूलसनदमें नहीं मिला, किंतु इब्नेबशकुवाल ने वर्णन किया है कि "अल-अतबियह” के लेख़क ने“ज़ियाद शैतून” सेनक़लकिया है कि इस बच्चे का नाम “अब्दुल क़ुद्दूस” था। इब्ने हजर कहते हैं : यह कथन गरीब है, मैं ने इस बात को उनके अलावा किसी और के यहाँ नहीं पाया।” अंत हुआ।
यहाँ पर केवल इतनी बात है कि कुछमुफ़स्सेरीन ने इस बच्चे की ओर अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम पर जादू करने में साझेदारी करने की बात मंसूब की है, इस प्रकार कि उसी ने अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के बालों में से कुछ बाल लेकर उसे यहूदीजादूगर लबीद बिन आसम तक पहुँचाया। लेकिन इस उद्धरण की प्रामाणिकता साबित नहीं है।
इमाम क़ुरतुबी “अल जामिओ लि अहकामिल क़ुर्आन” (20/232)में कहते हैं कि :
"क़ुशैरी ने अपनी तफ़्सीर में उल्लेख किया है कि सहीह हदीसों में वर्णित है किः एक यहूदी बच्चा अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलौहे व सल्लम की सेवा किया करता था तो यहूदियों ने उसे गुप्त रूप से आप के खिलाफ षड़यंत्र में लगा दिया, और लगातार उसके साथ लगे रहे यहाँ तक कि उसने आप सल्लल्लाहु अलेहि व सल्लम के सिर के कंघे से टूटे होई बाल ले लिए, तथा आपकी कंघी के कुछ दांत भी ले लिए, और उन्हें यहूद को दे दिए, चुनाँचेउन्हों ने उसमें आप पर जादू कर दिया, और इस काम को करने वाला लबीद बिनआसम नामी यहूदी था।”
तथा इसी तरह की बात इब्नुल जौज़ी की किताब "ज़ादुलमसीर" (9/270) में भी देखी जा सकती है।
यहूदी बच्चा के नबी सल्लल्लाहु अलेहि व सल्लम की सेवा करने के क़िस्से से सहिष्णुता, सहनशीलता, क्षमा और विनम्रता का प्रदर्शन होता है जो नबी सल्लल्लाहु अलेहि व सल्लम अपने दयापूर्ण दिल में रखते थे, आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम सभी लोगों के लिए दयावान व करूणा का भण्डार थे, उन सब के लिए भलाई की आशा रखते थे और उन्हें बुराई से सावधान करते थे। अतः आप ने इस यहूदी बच्चे की उसके घर में जाकर ज़ियारत करने में संकोच नहीं किया, तथा आप ने लोगों को इस्लाम की तरफ़ दावत देने और उनका मार्गदर्शन करने में कोई अवसर हाथ से जाने नहीं दिया। किंतु उन्हों ने आप के साथ फरेब और छल किया, आपकी हत्या करने का प्रयास किया और आपके खाने मे ज़हर मिलाया।
यहूदियों के साथ व्यवहार में नबी सल्लल्लाहु अलेहि व सल्लम के तरीक़े के बारे में विस्तार से जानने के लिए प्रश्न संख्या (84308) का उत्तर देखें।
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।