रविवार 23 जुमादा-1 1446 - 24 नवंबर 2024
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उसने क़िस्तों पर शेयर खरीदे, क्या वह ज़कात देते समय क़िस्तों की कटौती कर देगाॽ

प्रश्न

मैंने क़िस्तों पर कुछ शेयर खरीदे। क्या मुझे शेयरों के वर्तमान मूल्य पर ज़कात का भुगतान करना होगा, या क्या मैं उसमें से ऋण का मूल्य घटा दूँगाॽ

उत्तर का पाठ

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.

सर्व प्रथम :

जिस व्यक्ति ने शेयर का व्यापार करने के इरादे से शेयर खरीदा है, उसके लिए अनिवार्य है कि वर्ष के अंत में उनपर व्यापारिक वस्तुओं की ज़कात का भुगतान करे। इसलिए वह बाजार मूल्य पर उनका मूल्यांकन करेगा और दसवें हिस्से का एक चौथाई (ज़कात के रूप में) निकालेगा।

तथा जिस व्यक्ति ने शेयर को अपने पास रखने और उनके मुनाफे से लाभ उठाने के इरादे से खरीदा है, उसका उद्देश्य उनका व्यापार करना नहीं है, तो वह मुनाफे पर ज़कात देगा, तथा कंपनी के कोश में शेयर के बिल-मुक़ाबिल जो नक़दी है उसकी ज़कात देगा।। इसका विवरण उत्तर संख्या : (69912) में देखें। 

दूसरा :

अगर एक साल बीत गया और कुछ क़िस्तें आप पर बाक़ी रह गईं, तो आपके लिए इन क़िस्तों की परवाह किए बिना शेयरों की ज़कात देनी अनिवार्य है। क्योंकि विद्वानों के दो मतों में से सबसे सही मत के अनुसार, ऋण ज़कात को प्रभावित नहीं करता है। और यही इमाम अश-शाफ़ेई रहिमहुल्लाह का मत है। देखें : अल-मजमू' (5/317), निहायतुल-मुहताज (3/133)।

शैख इब्ने उसैमीन रहिमहुल्लाह ने कहा : “मैं जो राजेह (प्रबल) समझता हूँ वह यह है कि ज़कात मुतलक़ तौर पर (सभी मामलों में) अनिवार्य है, भले ही उसपर कोई ऋण है, जो उसके धन को निसाब (ज़कात अनिवार्य होने की न्यूनतम सीमा) से कम कर देता है। सिवाय उस ऋण के, जो ज़कात का समय आने से पहले अनिवार्य हो गया है, तो उसका भुगतान करना ज़रूरी है, फिर उसके बाद जो कुछ बचा है, उसपर वह ज़कात अदा करेगा।” “अश-शर्हुल मुम्ते” (6/39) से उद्धरण समाप्त हुआ।

और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।

स्रोत: साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर