गुरुवार 27 जुमादा-1 1446 - 28 नवंबर 2024
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मादक पदार्थ पीने के कारण उसकी बुद्धि चली गई और उसने कुछ नमाज़ें छोड़ दीं, तो इसका क्या हुक्म हैॽ

प्रश्न

कृपया मुझे मेरे मामले के विषय में फत्वा दें। मैंने मादक पदार्थ पी ली यहाँ तक कि मैंने अपना होश खो दिया। इसलिए, मैंने मग़रिब, इशा और फ़ज्र की नमाज़ को विलंब कर दिया, लेकिन अगले दिन के ज़ुहर से पहले, मैंने उनकी क़ज़ा कर ली। मैंने पढ़ा है कि ऐसा करना मुझे नास्तिक (काफिर) बना देगा। मैं अल्लाह से प्रार्थना करती हूँ कि वह मुझे क्षमा कर दे और मैं अल्लाह पर ईमान रखने से नहीं रुकूँगी और मैं निरंतर उससे प्रश्न करती रहूँगी कि वह मेरे मादक पदार्थ पीने को क्षमा कर दे।

मेरा प्रश्न यह है किः यदि मैं अपने कृत्य के कारण काफ़िर हो गई, तो क्या इसका अर्थ यह है कि मेरा विवाह बातिल (अमान्य) हो गया और मुझे पुनर्विवाह करना पड़ेगाॽ या कि वह तीन बार तलाक़ की तरह है और यह कि हम एक दूसरे के पास वापस नहीं लौट सकते।

मैं अल्लाह से प्रश्न करती हूँ कि मुझे क्षमा प्रदान कर दे। क्योंकि मैंने जो भी किया है उसके लिए मुझे बहुत खेद है।

उत्तर का पाठ

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.

हम अल्लाह तआला से प्रश्न करते हैं कि आपकी तौबा को स्वीकार करे और उसे एक विशुद्ध और सच्ची तौबा बनाए। (और अल्लाह तआला तौबा करने वालों को पसंद करता है)।

जहाँ तक आपके इन नमाज़ों को – उस स्थिति पर जिसका आपने उल्लेख किया है – छोड़ देने का संबंध है, तो इसकी वजह से - इन शा अल्लाह – आप काफ़िर नहीं हो जाएँगी। क्योंकि यह आपकी ओर से जानबूझकर नहीं घटित हुआ है, अगरचे आप नशीली पदार्थ पीकर इसका कारण बनी हैं, जो एक बहुत बड़ा पाप है, शायद अल्लाह तआला विशुद्ध तौबा की वजह से उसे आपसे क्षमा कर दे।

 इसके आधार पर, अल्लाह का शुक्र है कि आप मुसलमान हैं और इसकी वजह से आपकी शादी पर कोई भी ऐसा प्रभाव नहीं पड़ा है जिसके चलते आपको शादी के अनुबंध का नवीनीकरण करने या किसी अन्य चीज़ की ज़रूरत पड़े।

विशुद्ध तौबा करने के बाद, आपको चाहिए कि नियमित रूप से समय पर नमाज़ पढ़ें, तथा उन्हें छोड़कर या उन्हें उनके समय से विलंबकर उन्हें बर्बाद करने से सावधान रहें। अपने पति और बच्चों को उनके अधिकार देने के लिए प्रयासरत रहें, तथा छोटे और बड़े पापों को त्याग करके वास्तविक रूप से अल्लाह तआला की ओर वापस लौट आएँ।

हम अल्लाह तआला से प्रार्थना करते हैं कि वह हमें और हमारे मुसलमान भाइयों को मार्गदर्शन और सत्यनिष्ठा प्रदान करे, निःसंदेह वह सुनने वाला स्वीकार करने वाला है..

और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।

स्रोत: साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर