शुक्रवार 21 जुमादा-1 1446 - 22 नवंबर 2024
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01-06-2020

यदि शेष दिन पर्याप्त नहीं हैं तो क्या वह क़ज़ा करने से पहले शव्वाल के छ: रोज़े से शुरूआत करेगा ?

01-06-2020

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29-05-2020

शव्वाल के छ: रोज़ों के साथ रमज़ान की क़ज़ा को एक ही नीयत में एकत्रित करना शुद्ध नहीं है

29-05-2020

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23-05-2020

शव्वाल के महीने के दूसरे दिन रोज़ा रखना जायज़ है।

23-05-2020

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13-04-2020

रोज़े के फ़िद्या में खाना खिलाने के बदले पैसा निकालना जायज़ नहीं है

13-04-2020

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09-04-2020

जिस व्यक्ति पर रमज़ान के रोज़े हों, जिनकी संख्या उसे याद न हो

09-04-2020

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07-04-2020

उसने दो साल रोज़े नहीं रखे और अब वह क़ज़ा करने में असक्षम है, तो उसे क्या करना चाहिए?

07-04-2020

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12-04-2019

वह रोज़े की क़ज़ा शुरू करने से पहले गर्भवती होगई और वह रोज़ा रखने में सक्षम नहीं है

12-04-2019

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21-04-2018

जो व्यक्ति बिना किसी उज़्र के रमज़ान का रोज़ा न रखे अथवा बीच रमज़ान में जानबूझ कर रोज़ा तोड़ दे तो क्या उस पर क़ज़ा करना अनिवार्य है?

21-04-2018

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31-08-2017

तश्रीक़ के दिनों में अनिवार्य रोज़े की क़ज़ा करना सही नहीं है

31-08-2017

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02-07-2017

क्या वह शव्वाल के छः रोज़े रखना शुरू कर सकता है जबकि उसके ऊपर रमज़ान की क़ज़ा बाक़ी है

02-07-2017

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16-05-2017

रमज़ान के रोज़ों की क़ज़ा में निरंतरता अनिवार्य नहीं है

16-05-2017

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22-08-2012

क्या महिला को रमज़ान की क़ज़ा से शुरूआत करनी चाहिए या शव्वाल के छ: रोज़े से ?

22-08-2012

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08-07-2011

25 वर्ष हुए उसने बीमारी के कारण रमज़ान का रोज़ा तोड़ दिया और अभी तक उसकी कज़ा नहीं किया

08-07-2011

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03-07-2011

वे लोग कम्युनिस्ट शासन के अधीन थे और उन्हें नमाज़ और रोज़े का कुछ भी ज्ञान नहीं था तो क्या उन पर क़ज़ा अनिवार्य है ॽ

03-07-2011