हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।आपके ऊपर अनिवार्य है कि जितना आपसे हो सके लोगों को इस्लाम का और अल्लाह सर्वशक्तिमान के दीन में प्रवेश करने का निमंत्रण दें, इस धर्म की शक्ति, इसकी महान विशिष्टतायें और इसके मानवता के अनुकूल होने, तथा इसके अंदर उसकी समस्याओं के सफल समाधान मौजूद होने का वर्णन करें, इसी प्रकार किसी अन्य धर्म का पालन न करके केवल इसी का अनुपालन करने की अनिवार्यता का वर्णन करें। और यह सब शुद्ध ज्ञान, और ऐसे प्रमाणों और तर्कों के द्वारा होना चाहिए जिन्हें आप जानते हैं और उनके प्रति निश्चित हैं, तथा इन सब में हिक्मत (तत्वदर्शिता) और सदुपदेश का ध्यान रखना चाहिए और नास्तिकों से सर्वश्रेष्ठ ढंग से बहस करना चाहिए।
इसी प्रकार इस्लाम की ओर निमंत्रण देने में आपका तरीक़ा और ढंग इस्लामी शरीअत (धर्मशास्त्र) के नियमों से नियंत्रित होना चाहिए। अतः -उदाहरण के तौर पर- आपके लिए किसी नास्तिक महिला के साथ एकांत में होना जाइज़ नहीं है,यद्यपि यह इस्लाम की ओर निमंत्रण देने के उद्देश्य से ही क्यों न हो, इसी तरह आप महिलाओं के साथ संबंध स्थापित करने से उपेक्षा करें और शैतान के गुप्त प्रवेश द्वार से सावधान रहें जो कि संभव है कि नास्तिक महिलाओं को सदुपदेश करने के द्वारा अल्लाह की निकटता प्राप्त करने और इस्लाम की ओर निमंत्रण देने के द्वार से आपके ऊपर सवार हो जाये, फिर आपको उनके फित्ने में डाल दे। इसलिए काफिर महिलाओं को निमंत्रण देने का कार्य या ता मुसलमान महिलाओं को करना चाहिए, या मुसलमान पुरूष उन्हें कैसिटें, या पुस्तिकायें वितरित करके, या सामान्य भाषण के द्वारा इस्लाम का निमंत्रण प्रस्तुत करे, महिलाओं की ओर देखने का उद्देश्य न हो। हम अल्लाह तआला से प्रार्थना करते हैं कि आपको इस्लाम की ओर निमंत्रण देने में तौफीक़ प्रदान करे और आपके उत्तर को शुद्ध बनाये। तथा अल्लाह तआला हमारे पैगंबर मुहम्मद पर दया अवतरित करे।
इस्लाम प्रश्न और उत्तर