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हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
हर प्रकार की प्रशंसा और स्तुति केवल अल्लाह के लिए योग्य है।आदमी का अपनी पत्नी से कहना कि : यदि तुम ने ऐसा किया तो तुम आज़ाद हो,या मेरी तरफ से हलाल हो,तलाक़ के संकेतकों में से है। तलाक़ के शब्द दो प्रकार के हैं : स्पष्ट शब्द और संकेत (इशारा व किनाया)।स्पष्ट शब्द जैसे उसका कहना : तुम्हें तलाक़ है,तुम तलाक़शुदा हो,इन शब्दों के द्वारा तलाक़ पड़ जाती है यद्यपि पति ने तलाक़ का इरादा न किया हो।
इशारा व किनाया (इंगित शब्द) : जैसे उसका कहना : तुम आज़ाद हो,मेरी तरफ से हलाल हो (फारिग हो),अपने परिवार (माँ बाप) के घर जाओ . . . और इसी के समान अन्य शब्द,तो इनके द्वारा तलाक़ नहीं पड़ती है,सिवाय इसके कि तलाक़ का इरादा किया जाए। (अर्थात अगर दिल में तलाक़ का इरादा हो तो इशारा व किनाया के शब्दों से भी तलाक़ पड़ जायेगी,अगर दिल में तलाक़ का इरादा नहीं है तो इशारा व किनाया के शब्दों से तलाक़ नहीं पड़ेगी)।
इस आधार पर,अगर पति ने अपने इन शब्दों के द्वारा तलाक़ का इरादा किया है,तो उसकी पत्नी वीज़ा पाने पर तलाक़शुदा हो जायेगी,और यदि उसने तलाक़ का इरादा नहीं किया था,तो उस पर कुछ भी निष्कर्षित नहीं होगा।