शनिवार 20 जुमादा-2 1446 - 21 दिसंबर 2024
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इस साइट के बारे में

इस्लाम प्रश्न और उत्तर साइट एक विद्वानिक, शैक्षणिक और इस्लामी निमंत्रण संबंधी साइट है, जिसका उद्देश्य पर्याप्त रूप से विद्वानिक उत्तर और परामर्श प्रस्तुत करना है। इन उत्तरों का पर्यवेक्षण शैख मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद हफ़िज़हुल्लाह करते हैं।

शैख मुहम्मद सालेह अल-मुनज्जिद

जन्म :

उनका जन्म 30/12/1380 हिज्री को हुआ।

शिक्षा :

उन्होंने प्राथमिक, मध्यवर्ती और माध्यमिक विद्यालय की शिक्षा रियाद में प्राप्त की।

उसके बाद वह सऊदी अरब के नगर ज़हरान स्थानांतरित हो गए और वहाँ स्नातक की शिक्षा पूरी की।

उनके अध्यापक :

वह शैख अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़, शैख मुहम्मद बिन सालेह अल-उसैमीन और शैख अब्दुल्लाह बिन अब्दुर्रहमान अल-जिब्रीन की मजलिसों (सभाओं) में उपस्थित हुए।

वह पढ़ाई के मामले में सबसे अधिक शैख अब्दुर्रहमान बिन नासिर अल-बर्राक से लाभान्वित हुए।

उन्हों ने क़ुरआन के पठन का शुद्धिकरण शैख सईद आल-अब्दुल्लाह से ग्रहण किया।

उनके अध्यापकों में से जिनसे वह लाभान्वित हुए कुछ ये हैं :

शैख सालेह बिन फ़ौज़ान आल-फ़ौज़ान, शैख अब्दुल्लाह बिन मुहम्मद अल-ग़ुनैमान, शैख मुहम्मद वलद सीदी अल-हबीब अश-शन्क़ीती, शैख अब्दुल मोहसिन अज़्ज़ामिल और शैख अब्दुर्रहमान बिन सालेह अल-महमूद।

तथा उन्हों ने प्रश्नों के उत्तरों में सबसे अधिक शैख अब्दुल अज़ीज़ बिन अब्दुल्लाह बिन बाज़ रहिमहुल्लाह से लाभा उठाया। शैख इब्ने बाज़ के साथ उनके संबंध पंद्रह साल तक रहे और उन्हों ने ही इन्हें शिक्षण के लिए प्रोत्साहित किया और दम्माम के निमंत्रण एवं मार्गदर्शन केंद्र को उनके साथ व्याख्यान, भाषणों और शैक्षिक पाठों में सहयोग अपनाने के लिए लिखा, तथा शैख इब्ने बाज़ रहिमहुल्लाह की वजह से वह एक उपदेशक, इमाम और व्याख्याता बन गए।

इस्लामी आमंत्रण (दावत) के क्षेत्र में योगदान :

अल-खुबर में जामा मस्जिद उमर बिन अब्दुल अज़ीज़ के इमाम और खतीब (वक्ता)।

उनके कई शैक्षिक पाठ हैं, जैसे कि:

- तफ्सीर इब्ने कसीर।

- शर्ह सहीह बुखारी।

- फतावा शैखुल-इस्लाम इब्ने तैमिय्या।

- शर्ह सुनन अत-तिर्मिज़ी।

- शैख मुहम्मद बिन अब्दुल वहाब की किताबुत्तौहीद की शर्ह (व्याख्या)।

- फ़िक़्ह में हाफिज़ अब्दुल ग़नी अल-मक़दसी की किताब उमदतुल अहकाम की शर्ह (व्याख्या)।

- फिक़्ह में शैख सअदी की किताब मनहजुस-सालिकीन की शर्ह (व्याख्या)।

उनकी बुधवार को रियाद और जद्दा में शैक्षणिक व्याख्यान की एक श्रृंखला तथा मासिक पाठ हैं।

तथा पवित्र क़ुरआन रेडियो में एक कार्यक्रम (नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम और आपके सहाबा के बीच - शनिवार को दोपहर के बाद 2:05 पर)। तथा एक कार्यक्रम (सुधार के मार्ग पर चंद क़दम - बुधवार को दोपहर 1.00  बजे और सोमवार को सांयकाल 6:45 पर दोबारा प्रसारित किया जाता है)

तथा टेलीविजन कार्यक्रमों में उनके बहुत सारे योगदान, और विभिन्न पाठों के टेप हैं, जो 23 साल की अवधि में (4,500) से अधिक ऑडियो घंटे पर आधारित हैं।

उनकी कई किताबें हैं जिनमें कुछ निम्नलिखित हैं :

1- कूनू अलल-खैर आवाना (भलाई के सहयोगी बनो)

2- अरबऊना नसीहतन लि-इस्लाहिल बुयूत (घरों के सुधार के लिए चालीस सदुपदेश)

3- सलासतु व सलासूना सबबन लिल-खुशूअ (नमाज़ में खुशूअ के 33 कारण)

4- अल-असालीब अन्नबविय्या फी इलाजिल अख़्ता (त्रुटियों के इलाज में पैगंबरिक तरीक़े)

5- सबऊना मस्अलतन फिस्सियाम (रोज़े के सत्तर मुद्दे)

6- इलाजुल हुमूम (चिंताओं का उपचार)

7- अल-मन्हिय्यात अश्शरईय्या (शरीयत में निषिद्ध बातें)

8- मुहर्रमातुन इस्तहाना बिहा कसीरुन मिनन्नास (वर्जनाएं जिन्हें बहुत से लोगों ने कम आंका है)

9- माज़ा तफ़अलो फिल हालातिल आतियह (निम्नलिखित मामलों में आपको क्या करना चाहिए)।

10- ज़ाहिरतो ज़अफ़िल ईमान (विश्वास की कमजोरी की घटना)

11- वसाईलुस्सबात अला दीनिल्लाह (अल्लाह के धर्म पर स्थिरता के साधन)

12- उरीदो अन् अतूबा व लाकिन (मैं पश्चाताप करना चाहता हूं लेकिन)

13- शकावा व हुलूल (शिकायतें और समाधान)

14- सिराउन मअश्शहावात (वासनाओं के साथ संघर्ष)

तथा उन्हों ने 1996 में इंटरनेट पर वेबसाइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर (islamqa.info) लांच किया, जिस पर अभी भी काम चल रहा है।