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क्या उस व्यापारी के लिए जिसने कोई सामान आयात किया है उसे बंदरगाह पर पहुँचने से पहले बेचना जायज़ हैॽ
हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
इस मुद्दे के दो रूप हैं :
प्रथम :
बिक्री संपन्न हो जाए और फिर विक्रेता खरीदार को उसके द्वारा चुने गए परिवहन के साधनों में से किसी के माध्यम से सामान भेजे।
इस स्थिति में, सामान उस समय तक विक्रेता के स्वामित्व में होगा जब तक कि खरीदार उसे प्राप्त न कर ले और उसके देश में उसके पास न पहुँच जाए। इस अवधि के दौरान वह विक्रेता की गारंटी में और उसके दायित्व के अधीन रहेगा।
इसके आधार पर, खरीदार को उस सामान के बंदरगाह पर पहुँचने और उसे प्राप्त करने से पहले उसे बेचने, या उसके बारे में कोई कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है, क्योंकि ऐसा करने में उसे अपने क़ब्ज़े में लेने से पहले बिक्री करना और उस चीज़ का लाभ कमाना शामिल है जिसका वह गारंटर (उत्तरदायी) नहीं है, जो सुन्नत (हदीस) में निषिद्ध है।
इसके हराम (निषिद्ध) होने के प्रमाणों का प्रश्न संख्या : (169750 ) के उत्तर में उल्लेख किया जा चुका है।
लदान के बिल (Bill of Lading ) की प्राप्ति को सामान की प्राप्ति नहीं माना जाएगा; क्योंकि उसे प्राप्त करने से सामान की गारंटी खरीदार को हस्तांतरित नहीं होती है।
शैख सिद्दीक़ मुहम्मद अल-अमीन अल-ज़रीर ने कहा : “बिक्री के भ्रष्ट रूपों में से एक : लदान के बिल (शिपिंग दस्तावेज़) की प्राप्ति के आधार पर, किसी सामान को इस स्थिति में बेचना है कि वह अभी जहाज़ पर रास्ते में है। यदि पहली बिक्री आगमन के बंदरगाह पर डिलीवरी की शर्त पर संपन्न हुई थी, तो खरीदार के लिए उस सामान को बंदरगाह पर पहुँचने और उसे प्राप्त करने से पहले बेचना जायज़ नहीं है, भले ही उसे लदान का बिल प्राप्त हो चुका हो।”
“मजल्लह मजमउल-फिक़्ह अल-इस्लामी” (6/1/491) से उद्धरण समाप्त हुआ।
दूसरा रूप :
यह है कि बिक्री संपन्न हो जाए, फिर खरीदार किसी व्यक्ति को या शिपिंग (कार्गो) कंपनी को सामान प्राप्त करने और उसे उसके पास भेजने के लिए वकील नियुक्त कर दे, इस प्रकार कि सामान विक्रेता की ज़िम्मेदारी और गारंटी से निकलकर खरीदार की गारंटी में प्रवेश कर चुका हो।
इस स्थिति में सामान उसकी संपत्ति होगी और उसके लिए उसमें बेचने आदि की कार्रवाई करने का अधिकार है। क्योंकि वकील (एजेंट) का कब्जा करना उसके मुवक्किल के क़ब्ज़ा करने के समान है।
यदि वह इस स्थिति में सामान को उसके पहुँचने से पहले बेचता है, तो इस बिक्री को "अनुपस्थित चीज़ की बिक्री” के अध्याय से माना जाएगा, और यह जमहूर विद्वानों के अनुसार जायज़ है, बशर्ते कि खरीदार को अनुबंध को रद्द करने का अधिकार है यदि सामान उस विवरण के विपरीत है जिसपर सहमति हुई थी।
सारांश यह कि : इस मुद्दे का आधार इस अंतर पर है कि शिपमेंट के दौरान सामान विक्रेता की गारंटी के तहत है या खरीदार की। यदि वह विक्रेता "निर्यात करने वाले" की गारंटी के तहत हैं, तो खरीदार को उसे बेचने का अधिकार नहीं है, और अगर वह खरीदार "आयातक" की गारंटी के तहत है, तो वह उसे बेच सकता है।
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।