हम आशा करते हैं कि आप साइट का समर्थन करने के लिए उदारता के साथ अनुदान करेंगे। ताकि, अल्लाह की इच्छा से, आपकी साइट – वेबसाइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर - इस्लाम और मुसलमानों की सेवा जारी रखने में सक्षम हो सके।
हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
हर प्रकार की प्रशंसा और स्तुति केवल अल्लाह के लिए योग्य है।वह ज़मीन जिसे उसके मालिक ने एक अवधि के बाद बेचने के लिए खरीदा है, वह दो हालतों से खाली नहीं होती है :
पहली:
इससे उसका मक़सद माल की सुरक्षा करना हो ताकि उसे किसी दूसरी चीज़ में न खर्च कर दे, उसका मक़सद इससे व्यापार करना और लाभ उठाना न हो, तो इस भूमि में ज़कात नहीं है।
प्रश्न संख्या (34802) का उत्तर देखें।
दूसरी :
इससे उसका मक़सद व्यापार और लाभ हो, तो ऐसी स्थिति में यह ज़मीन व्यापारिक सामान में से होगी, अतः उसमें ज़कात है।
व्यापारिक सामान का, साल पूरा होने पर, उस क़ीमत से मूल्यांकन किया जायेगा जिसके वह बराबर है, उस क़ीमत की परवाह किए बिना जितने में उसे खरीदा गया है, और उसकी ज़कात निकाली जायेगी, और उसमें अनिवार्य ज़कात की मात्रा दसवें हिस्से का एक चौथाई भाग अर्थात् 2.5 प्रतिशत है।
उदाहरण के तौर पर यदि आप ने एक लाख रियाल में कोई ज़मीन खरीदी, और ज़कात अनिवार्य होने पर वह एक लाख पचास हज़ार के बराबर हो गई, तो आपके ऊपर साल पूरा होने पर एक लाख पचास हज़ार की ज़कात निकालनी अनिवार्य होगी। और यदि मामला इसके विपरीत है तो हुक्म भी इसके विपरीत होगा, चुनाँचे यदि वह एक लाख में खरीदी गई थी, और साल पूरा होने पर वह मात्र पचास हज़ार के बराबर की रह गई, तो आपके ऊपर केवल पचास हज़ार की ज़कात देय होगी।
देखिए : “फतावा स्थायी समिति” (9/334), “फतावा व रसाइल शैख इब्ने उसैमीन 18/205, 236)”
चेतावनी :
इस बात से अवगत होना उचित है कि व्यापारिक सामान में साल, ज़मीन या उसके अलावा अन्य चीज़ के खरीदने के समय से नहीं शुरू होता है, बल्कि उन पैसों के निसाब (ज़कात अनिवार्य होने की न्यूनतम सीमा) का मालिक होने के समय से आरंभ होता है जिसके द्वारा समान खरीदा गया है।
इस अधार पर, ज़मीन पर साल का गुज़रना उन पैसों पर साल का गुज़रना है जिनके द्वारा उसे खरीदा गया है।
तथा प्रश्न संख्या (32715) देखिए।