हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
“प्रत्यक्ष बात यह है कि उसे सेहरी कहा जायेगा, लेकिन जब वह खाना न पाए, इस हदीस के आधार पर कि : “जब तुम में से कोई व्यक्ति रोज़ा इफतार करे तो रुतब (पके हुए ताज़ा खजूर) पर इफतार करे, यदि वह उसे न पाए तो (सूखे) खजूर पर, यदि वह भी न मिले तो चंद घूँट पानी पी ले।” अतः यदि उसके पास खाना नहीं है यानी खाने की चीज़ नहीं है, या उसके पास खाने की चीज़ तो है लेकिन वह उसकी इच्छा नहीं रखता है, और उसने केवल पानी पी लिया तो आशा है कि सुन्नत प्राप्त हो जायेगी।” अंत हुआ।