हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
यदि आप हिरण को बंदूक़ से गोली मारते हैं और अल्लाह का नाम लेते हैं, फिर वह गोली हिरण को लग जाती है, जिससे वह मर जाता है, तो वह हलाल है और उसे खाना जायज़ है। लेकिन यदि आप उसे जीवित रहते हुए पकड़ लेते हैं, तो उसे ज़बह करना ज़रूरी है।
शैख इब्ने उसैमीन रहिमहुल्लाह से पूछा गया : क्या वे पक्षी, जिन्हें हम बंदूक़ से गोली मारते हैं और वे मर जाते हैं, हलाल हैं या नहींॽ क्योंकि कुछ पक्षी जिन्हें हम गोली मारते हैं, हम उन्हें इस हाल में पाते हैं कि उनके ऊपर अल्लाह का नाम लेने से पहले ही मर गए हैं।
तो उन्होंने उत्तर दिया : “हाँ, यदि आप पक्षियों या अन्य जानवरों जैसे खरगोशों और हिरणों के शिकार को बंदूक़ से गोली मारते हैं, और शूट करते समय आप उनपर अल्लाह का नाम लेते हैं, तो वह हलाल होगा, भले ही आप उसे मृत पाते हैं। क्योंकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया : “जो चीज़ खून बहा दे और उसपर अल्लाह का नाम लिया गया हो, तो खाओ।” तथा आपने फरमाया : “यदि तुम अपने (शिकारी) कुत्ते को छोड़ो और उसपर अल्लाह का नाम लो, तो खाओ।” लेकिन अगर वह अभी भी स्थिर रूप से जीवित है, जो ज़बह किए गए जानवर की गति से अधिक है, तो आपके लिए अनिवार्य है कि उसे ज़बह करें और उसे ज़बह करते समय अल्लाह का नाम लें। अगर आप ऐसा नहीं करते हैं और वह मर जाता है, तो वह आपके लिए हराम हो जाएगा। लेकिन शूट करते समय बिस्मिल्लाह कहने पर ध्यान देना चाहिए, क्योंकि यदि आप अल्लाह के नाम का उल्लेख नहीं करते हैं, तो आपके लिए उसे खाना हराम हो जाएगा, भले ही आप भूल गए हों। क्योंकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया : “जो चीज़ खून बहा दे और उसपर अल्लाह का नाम लिया गया हो, तो खाओ।” तथा अल्लाह ने फरमाया :
وَلا تَأْكُلُوا مِمَّا لَمْ يُذْكَرْ اسْمُ اللَّهِ عَلَيْهِ
“उसमें से मत खाओ जिसपर अल्लाह का नाम नहीं लिया गया है।” “फ़तावा नूरुन अला अद-दर्ब” से उद्धरण समाप्त हुआ।
शैख इब्ने बाज़ रहिमहुल्लाह से पूछा गया : जब मैं शिकार करते समय बंदूक़ में गोली डालता हूँ, तो “बिस्मिल्लाह व अल्लाहु अकबर” कहना मेरे लिए पर्याप्त है, या कि बंदूक़ के ट्रिगर को खींचते समय मुझे अल्लाह का नाम लेना ज़रूरी हैॽ
तो उन्होंने उत्तर दिया :
“अनिवार्य यह है कि शूट करते समय अल्लाह का नाम लिया जाए, बंदूक़ में गोली डालते समय अल्लाह का नाम लेना पर्याप्त नहीं है, क्योंकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया है : “जब तुम अपना तीर चलाओ, तो अल्लाह का नाम लो।” अदी बिन हातिम रज़ियल्लाहु अन्हु की हदीस से इसकी प्रामाणिकता पर बुखारी एवं मुस्लिम की सर्वसहमति है, और हदीस के उक्त शब्द मुस्लिम के हैं।” “फ़तावा अश-शैख इब्ने बाज़” (23/91) से उद्धरण समाप्त हुआ।
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।