रविवार 21 जुमादा-2 1446 - 22 दिसंबर 2024
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भौंहों के नीचे के बाल हटाने का हुक्म

प्रश्न

क्या भौहों के आकार को बदले बिना भौंहों के नीचे के बालों को हटाना जायज़ है? ये थोड़े-से बाल हैं, और भौहों से जुड़े नहीं हैं।

उत्तर का पाठ

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.

प्रथम :

अब्दुल्लाह बिन मसऊद रज़ियल्लाहु अन्हु से प्रमाणित है कि उन्होंने कहा : “अल्लाह ने गुदना गोदने वालियों, गुदना गोदवाने वालियों, चेहरे के बाल उखाड़ने वालियों, चेहरे के बाल उखड़वाने वालियों और सुंदरता के लिए दाँतों के बीच विस्तार पैदा करने वालियों पर लानत भेजी है, जो अल्लाह की रचना को बदलने वालियाँ हैं। मैं भी उनपर क्यों लानत न करूँ जिनपर अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने लानत की है, जबकि यह अल्लाह की किताब में मौजूद है :

 وَمَا آتَاكُمُ الرَّسُولُ فَخُذُوهُ وَمَا نَهَاكُمْ عَنْهُ فَانتَهُوا  

“और रसूल जो कुछ तुम्हें दें, उसे ले लो और जिस चीज़ से तुम्हें रोक दें, उससे रुक जाओ।" (सूरतुल हश्र : 7)”

इसे बुख़ारी (हदीस संख्या : 5931) ने रिवायत किया है।

तथा इब्ने अब्बास रज़ियल्लाहु अन्हुमा से वर्णित है कि उन्होंने कहा : (बाले जोड़ने वाली और बाल जोड़वाने वाली, चेहरे के बाल उखाड़ने वाली और चेहरे के बाल उखड़वाने वाली, बिना बीमारी के गुदना गोदने वाली और गुदना गोदवाने वाली महिला पर ला'नत की गई है।” इसे अबू दाऊद (हदीस संख्या : 4170) ने रिवायत किया है, औऱ हाफ़िज़ इब्ने हजर ने "फत्हुल-बारी" (10 /376) में इसकी इसनाद को हसन (अच्छा) कहा है, तथा अलबानी ने “सहीह अबू दाऊद” (हदीस संख्या : 4170) में सहीह कहा है।

विद्वानों ने इन हदीसों से यह प्रमाण ग्रहण किया है कि भौंहों के बाल उखाड़ना निषिद्ध है।

“अल-मौसूआ अल-फ़िक़्हिय्यह अल-कुवैतिय्यह” (14/81) में कहा गया है :

“फुक़हा की इस बात पर सर्वसहमति है कि भौंहों के बाल निकालना, चेहरे के बाल उखेड़ने के अंतर्गत आता है जो कि निषिद्ध है।”

दूसरा :

भौंह की परिभाषा :

भौंह के बाल वे बाल हैं जो उस हड्डी पर उगते हैं जो आँख के ऊपर होती है।

इब्ने मंज़ूर रहिमहुल्लाह ने कहा :

“दोनों हाजिब (अर्थात् भौंह) : से अभिप्राय वे दोनों हड्डियाँ हैं जो दोनों आँखों के ऊपर होती हैं उनके मांस और बालों समेत, और 'हाजिब' का बहुवचन 'हवाजिब' है। और यह भी कहा गया है : 'हाजिब' उस हड्डी पर उगने वाले बालों को कहते हैं। इसका यह नाम इसलिए पड़ा, क्योंकि यह आँख को सूर्य की किरणों से बचाता है।”

“लिसानुल-अरब” (1/298-299) से उद्धरण समाप्त हुआ।

अरबी भाषा में और सभी लोगों के उर्फ (बोल चाल) में हाजिब का यह अर्थ है।

इसके आधार पर, प्रतीत यही होता है कि वह बाल जिसके बारे में आपने पूछा है, वह भौंह से जुड़ा हुआ है। क्योंकि भले ही यह भौंह के मूल बालों से अलग है, लेकिन फिर भी उससे जुड़ा हुआ है। क्योंकि वह भौंह की हड्डी के क्षेत्र में उगा हुआ है, इसलिए वह उसी के हुक्म के अंतर्गत आएगा।

तथा कम से कम आदमी को सावधानी का पहलू अपनाते हुए उस चीज़ को छोड़ देना चाहिए, जिसके बारे में घोर संदेह हो, विशेषकर जब अधिकांश विद्वानों का मत यह है कि : भौहों के अलावा चेहरे के बालों को उखेड़ना भी “नम्स” (चेहरे के बाल उखेड़ने) की श्रेणी में आता है जो कि निषिद्ध है।

और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।  

स्रोत: साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर