हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
''इन्सान के लिए रोज़े की अवस्था में अपने गुदा के माध्यम से सपोसिटरी प्रयोग करने में कोई आपत्ति की बात नहीं है। क्योंकि यह खाना और पीना नहीं है, और न तो यह खाने और पीने के अर्थ में है। और शरीअत ने हमारे ऊपर केवल खाना और पीना हराम ठहराया है। अतः जो चीज़ खाने और पीने के अर्थ में होगी उसे खाने और पीने का हुक्म दिया जायेगा, और जो इस तरह नहीं है तो वह उसमें न शाब्दिक रूप से और न ही अर्थ के रूप में दाखिल होगा। अतः उसके लिए खाने और पीने का हुक्म साबित नहीं होगा।''