हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
ज़कातुल-फ़ित्र ग़रीब मुसलमानों को भुगतान किया जाएगा, अगरचे वे पाप करने वाले ही क्यों न हों, परंतु उनका पाप ऐसा न हो है, जो उन्हें इस्लाम से निष्कासित कर देने वाला हो। तथा उसको लेने वाले की गरीबी में, उसकी बाह्य स्थिति का एतिबार किया जाएगा, भले ही वह आंतरिक रूप से धनवान हो। जो व्यक्ति ज़कातुल फ़ित्र का भुगतान कर रहा है, उसे यथाशक्ति अच्छे ग़रीबों की तलाश करनी चाहिए। अगर उसे बाद में पता चलता है कि जिसने ज़कातुल-फ़ित्र लिया था, वह वास्तव में समृद्ध था, तो ज़कात भुगतान करने वाले को उससे कोई हानि नहीं पहुँचेगी, बल्कि यह उसके लिए पर्याप्त होगी, तथा सर्व प्रशंसा अल्लाह के लिए है।
और अल्लाह ही तौफ़ीक़ (सामर्थ्य) प्रदान करने वाला है।