हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
एक आदमी की ज़कातुल फित्र को एक ही आदमी को देना जाइज़ है, इसी प्रकार उसे कई व्यक्तियों पर बाँटना भी जाइज़ है।
और अल्लाह तआला ही तौफीक़ प्रदान करने वाला (शक्ति का स्रोत) है।
क्या एक आदमी की ज़कातुल फित्र को बाँटना जाइज़ नहीं है बल्कि उसे किसी एक ही व्यक्ति को दिया जायेगा ?
हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
एक आदमी की ज़कातुल फित्र को एक ही आदमी को देना जाइज़ है, इसी प्रकार उसे कई व्यक्तियों पर बाँटना भी जाइज़ है।
और अल्लाह तआला ही तौफीक़ प्रदान करने वाला (शक्ति का स्रोत) है।
स्रोत: इफ्ता और वैज्ञानिक अनुसंधान की स्थायी समिति, फत्वा संख्या (1204)
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