हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
रमज़ान तथा अन्य समयों में हस्तमैथुन करना हराम है और इससे रोज़ा बातिल हो जाता है।
उन्होंने “कशशाफ अल-क़िना'” (2/318) में रोज़ा अमान्य करने वाली चीजों का उल्लेख करते हुए कहा :
“(या उसने हस्तमैथुन किया) अर्थात् : उसने वीर्य का स्खलन तलब किया (फिर उसने वीर्य या मज़ी का उत्सर्जन किया) ; क्योंकि जब ऐसे चुंबन से रोज़ा भंग हो जाता है जिसके साथ वीर्य स्खलन हो, तो फिर इसके द्वारा रोज़ा भंग (खराब) होना और अधिक संभावित है।
यदि वह स्खलन नहीं करता है, तो उसने एक हराम कार्य किया है, लेकिन उसका रोज़ भंग (खराब) नहीं होगा।” उद्धरण समाप्त हुआ।
राजेह (प्रबल) मत यह है कि मज़ी के उत्सर्जन से रोज़ा खराब नहीं होता है, जैसा कि प्रश्न संख्या : (49752) के उत्तर में पहले ही स्पष्ट किया जा चुका है।
इस आधार पर : आपने अपने हाथ से जो वीर्य निकालने का कृत्य किया है, वह हराम है और इसके कारण आपका रोज़ा खराब (अमान्य) हो गया। आपको तौबा करने के साथ-साथ एक दिन की क़ज़ा करनी है।
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।