गुरुवार 20 जुमादा-1 1446 - 21 नवंबर 2024
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क्या ‘न्याय’ का गुण अल्लाह के ज़ाती (व्यक्तिगत) गुणों में से है या उसका संबंध उसके कार्यों से हैॽ

प्रश्न

सर्वशक्तिमान अल्लाह का गुण “न्याय” क्या एक ज़ाती (व्यक्तिगत) गुण है, या उसका संबंध उसके कार्यों से हैॽ विस्तार के साथ वर्णन करें।

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.

सर्व प्रथम :

सर्वशक्तिमान अल्लाह के लिए ‘न्याय’ के गुण का सबूत :

अल्लाह महिमावान के लिए न्याय का गुण प्रमाणित है, जैसा कि बुखारी (हदीस संख्या : 3150) और मुस्लिम (हदीस संख्या : 1062) में अब्दुल्लाह बिन मसऊद रज़ियल्लाहु अन्हु की हदीस से उस व्यक्ति के बारे में वर्णित है, जिसने अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के ग़नीमत के माल के विभाजन पर आपत्ति जताई थी : “आप सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया : अगर अल्लाह और उसके रसूल न्याय नहीं करेंगे, तो कौन न्याय करेगाॽ”

तथा अल्लाह के शब्दों (वचन) के लिए भी न्याय का गुण प्रमाणित है, जैसा कि अल्लाह तआला ने फरमाया :

 وَتَمَّتْ كَلِمَتُ رَبِّكَ صِدْقًا وَعَدْلًا      الأنعام : 115 

“और तुम्हारे पालनहार का वचन सच्चाई और न्याय में परिपूर्ण है।” (सूरतुल-अनआम :115).

इब्नुल-क़ैय्यिम रहिमहुल्लाह ने कहा :

न्याय उस (अल्लाह) के गुणों (विशेषताओं) में से है उसके कार्यों, उसके शब्दों और उसके निर्णयों में।

इसी के अर्थ में मुआज़ रज़ियल्लाहु अन्हु के बारे में वर्णित है कि वह जब भी किसी सभा में उपदेश और प्रवचन करने के लिए  बैठते, तो यह कहते : “अल्लाह बड़ा न्यायी हाकिम (शासक) है, संदेह करने वाले नष्ट हो गए ...” इसे अबू दाऊद (हदीस संख्या : 4611) ने मुआज़ रज़ियल्लाहु अन्हु पर मौक़ूफ़न रिवायत किया है (अर्थात् यह मुआज़ रज़ियल्लाहु अन्हु का कथन है), और अल्बानी ने इसे सहीह कहा है।

दूसरा :

न्याय एक ज़ाती (व्यक्तिगत) गुण है

न्याय एक ज़ाती गुण है, और ज़ाती गुण का नियम यह है कि : वह गुण उसमें हमेशा से है और हमेशा रहेगा। चुनाँचे वह अनादिकाल से अनंत काल तक न्यायपूर्ण और न्यायकर्ता है, न्याय और इनसाफ़ वाला है।  

शैख इब्ने उसैमीन रहिमहुल्लाह ने कहा : “ज़ाती गुण : वे ऐसे अर्थों के गुण हैं जो हमेशा से हमेशा तक (अनादिकाल से लेकर अनंत काल तक) अल्लाह के लिए सिद्ध हैं, जैसे कि जीवन, ज्ञान, शक्ति, श्रवण, दृष्टि, प्रभुत्व, हिकमत, और इती तरह के अन्य गुण, जो बहुत-से हैं। हम इन्हें ज़ाती (व्यक्तिगत) गुण कहते हैं; क्योंकि वे उसमें अनादिकाल और हमेशा से पाए जाते है और वे उसकी ज़ात से कभी अलग नहीं होते हैं।” “शर्ह अस-सफ़्फ़ारीनिय्यह” पृष्ठ 155 से उद्धरण समाप्त हुआ।

और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है। 

स्रोत: साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर