हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
प्रतीक यह होता है कि आप रमज़ान के इस दिन का रोज़ा तोड़ देने के हुक्म के बारे में प्रश्न कर रहे हैं। तथा आपके सवाल से यह भी स्पष्ट हो रहा है कि आपके शहर और उस शहर के बीच जिसकी ओर आप ने यात्रा की है एक लंबी दूरी है, क्योंकि आपकी यात्रा में कई घंटे लगे हैं, और इस तरह की दूरी को यात्रा समझा जाता है, और यात्री के लिए रमज़ान में रोज़ा तोड़ना जायज़ (अनुमेय) है, और आपके ऊपर इस दिन की क़ज़ा अनिवार्य है, क्योंकि अल्लाह सर्वशक्तिमान का फरमान हैः
"और जो बीमार हो या यात्रा पर हो तो वह दूसरे दिनों में उसकी गिन्ती पूरी करे।" (सूरतुल बक़रा : 185)
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।