हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
यदि महिला फज्र से पहले शुद्धता (पाकी) को देखती है, तो उसके लिए रोज़ा रखना अनिवार्य है और उसके लिए फ़ज्र के उदय होने के बाद तक गुस्ल को विलंबति करने में कोई रुकावट नहीं है। लेकिन उसके लिए उसे सूर्य के उगने तक विलंबित करने की अनुमित नहीं है। इसी तरह जनाबत वाले व्यक्ति के लिए गुस्ल को सूरज के उगने के बाद तक विलंबित करना जायज़ नहीं है। जबकि पुरुषों को चाहिए कि ग़ुस्ल करने में जल्दी करें ताकि वे फ़ज्र की नमाज़ जमाअत के साथ अदा कर सकें।