हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
तुम्हारे लिए एक कुर्बानी काफी है, क्योंकि सुन्नत में वर्णित है कि आदमी और उसके घर के सदस्यों की ओर से एक कुर्बानी काफी है।
तिर्मिज़ी (हदीस संख्या : 1505) ने अता बिन यसार से रिवायत किया है कि उन्होंने कहा : मैंने अबू अय्यूब अन्सारी रज़ियल्लाहु अन्हु से प्रश्न किया कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के समय काल में क़ुर्बानी कैसे होती थी? तो उन्होंने कहा : आदमी अपनी ओर से और अपने घर वालों की ओर से एक बकरी ज़बह करता था। चुनाँचे वे खुद खाते थे और दूसरों को भी खिलाते थे।” इसे अलबानी ने सहीह अत-तिर्मिज़ी में सहीह कहा है।
स्थायी समिति से पूछा गया :
अगर मेरी पत्नी मेरे पिता के साथ एक ही घर में रहती है, तो क्या ईदुल-अज़ह़ा पर केवल एक क़ुर्बानी मेरे लिए और मेरे पिता के लिए पर्याप्त है या नहींॽ
तो उन्होंने उत्तर दिया :
“यदि वस्तुस्थिति वैसी ही है जैसी आपने उल्लेख की है कि पिता और उसका पुत्र एक ही घर में रहते हैं, तो आपके अपनी ओर से और आपके पिता, आपकी पत्नी, आपकी सौतेली माँ और आप दोनों के घर के सभी सदस्यों की ओर से एक ही क़ुर्बानी, सुन्नत की अदायगी में पर्याप्त है।” उद्धरण समाप्त हुआ।
“फतावा अल-लज्नह अद-दाईमह” (11/404).