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उसके पिता ने संतोषजनक कारणों के बिना उसे एतिकाफ करने की अनुमति नहीं प्रदान की

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प्रकाशन की तिथि : 29-07-2014

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प्रश्न

जिस व्यक्ति को उसका पिता बिना सन्तोषजनक कारणों के ऐतिकाफ करने की अनुमति प्रदान न करे, उसका क्या हुक्म है?

उत्तर का पाठ

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.

उत्तर : एतिकाफ सुन्नत है, और माता-पिता के साथ उपकार और भलाई करना वाजिब (अनिवार्य) है, और सुन्नत के कारण वाजिब समाप्त नहीं होता है, मौलिक रूप से वह वाजिब के विरोध में नहीं आ सकता है, इसलिए कि वाजिब को उस पर प्राथमिकता प्राप्त है, अल्लाह तआला हदीस क़ुदसी में फरमाता है:

''जो कुछ मैंने बन्दे पर फर्ज़ (अनिवार्य) क़रार दिया है, मेरे निकट उससे अधिक प्रिय कोई अन्य कार्य नहीं है जिसके द्वारा मेरा बन्दा मेरी निकटता प्राप्त कर सके।''

अतः यदि तेरे पिता तुझे एतिकाफ न करने का आदेष देते हैं और ऐसी चीज़ें ज़िक्र करते हैं जो इस बात की अपेक्षा करती हैं कि तो एतिकाफ न करे, इसलिए कि वह उनमें तेरे ज़रूरतमंद हैं, तो इसका पैमाना (मापक) उनके ही पास है तेरे पास नहीं, इसलिए कि हो सकता है तेरा पैमाना असंतुलित और न्यायहीन हो; क्योंकि कि तू एतिकाफ का इच्छुक है, सो तू उनके बतलाये हुए कारणों को उचित कारण नहीं समझता है जबकि तेरे पिता उन्हें उचित कारण समझते हैं।

अतः मैं तुझे यह नसीहत करता हूँ कि तू एतिकाफ न कर, हाँ यदि तेरे पिता कहें कि तु एतिकाफ न कर और उसका कोई कारण उल्लेख न करें तो ऐसी स्थिति में उनका आज्ञापालन करना तेरे लिए आवश्यक नहीं है, इसलिए कि तेरे लिए किसी ऐसी चीज़ में उनका आज्ञापालन करना आवश्यक नहीं है जिसका विरोध करने में उनका कोई नुक़सान नहीं, किन्तु उस में तेरा घाटा है।''

फज़ीलतुश्शैख मुहम्मद बिन उसैमीन रहिमहुल्लाह

''रिसालह अहकामुस्सियाम व फतावा अल-एतिकाफ़'' (पृष्ठ: 51)

स्रोत: साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर