हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
वह एक ही रात होती है अगरचे उसका प्रवेश अलग अलग देशों में अलग अलग समय में हो, चुनांचे अरब देशों में उनके दिन के सूरज के डूबने के समय प्रवेश करती है, और अफ्रीक़ी देशों में भी उनके दिन के सूरज डूबने के समय प्रवेश करती है, इसी तरह अन्य देशों में भी होता है, तो जब भी किसी के यहाँ सूरज डूबता है उनके यहाँ वह प्रवेश करती है भले ही इसमें 20 घंटा लग जाए, मगर उनके लिए उनकी रात समझी जाती है और इन के लिए इनकी रात समझी जाती है, और इसमें कोई रूकावट नहीं है कि फिरश्ते इनके यहाँ उतरे और उनके यहाँ भी उतरें।