हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
जहाँ तक उस अतीत का संबंध है जिस से आप ने अल्लाह से तौबा (पश्चाताप) कर लिया है उसके बारे में मंगेतर या पति को पूछने का कोई अधिकार नहीं है, तथा उस व्यक्ति के लिए जो किसी पाप से ग्रस्त हुआ है धर्म संगत नहीं है कि वह दूसरे को उसके बारे में सूचित करे,जबकि अल्लाह तआला ने उसके ऊपर पर्दा डाल दिया है,तो उसके लिए इस बात की अनुमति नहीं है कि वह अपने आपको बेनकाब करे,इस से अल्लाह की पनाह।
और यदि मंगेतर या पति ज़ोर देकर पूछे तो आपके लिए उचित नहीं है कि उसे उस चीज़ के बारे में बतलायें जो आपके साथ उस से परिचित होने से पूर्व पेश आया है। इसलिए आप ने उस समय बहुत भयानक गलती की है जब आप ने अपने मंगेतर को कुछ उन चीज़ों के बारे में बता दिया जो आप से घटित हुई थी। उसके लिए केवल इस बात का अधिकार है कि वह आपकी वर्तमान स्थिति को देखे, यदि वह उसे उचित लगे तो वह आपसे शादी करे, अन्यथा आपको दूसरे के लिए छोड़ दे।
अब, जबकि जो होना था हो चुका,आप को चाहिए कि जो कुछ आप उसे बता चुकी हैं या वह स्वयं जान चुका है उस से अधिक कोई बात न बतायें,और आप के लिए संभव है कि आप उस व्यक्ति को झुठला दें जो उसे कोई ऐसी दूसरी चीज़ बतलाये जो आप को कलंकित करती हो और आप को आघात पहुँचाती हो।
जहाँ तक इस बात का संबंध है कि वह आप को इसके बाद तलाक़ दे देगा, तो इसका मामला अल्लाह की ओर है,और नीयतें बदल सकती हैं :
لا تَدْرِي لَعَلَّ اللَّهَ يُحْدِثُ بَعْدَ ذَلِكَ أَمْرًا .
“आप को पता नहीं कि शायद अल्लाह इसके बाद कोई रास्ता पैदा कर दे।”
अतः आप अल्लाह से प्रार्थना करें कि वह आप की तौबा स्वीकार फरमाये,और आप के मामले को गुप्त रखे और आपको अपनी सुरक्षा प्रदान करे।