हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।सर्व प्रथम :
सूद पर उधार लेना जाइज़ नहीं है,और जो व्यक्ति इस में पड़ गया है वह अल्लाह सर्वशक्तिमान से पश्चाताप करे,और उसके लिए केवल मूल धन को ही वापस लौटाना ज़रूरी है।जहाँ तक व्याज का संबंध है तो वह उस के लिए ज़रूरी नहीं है,और वह उसे समाप्त करने और उसका भुगतान न करने के लिए उपाय कर सकता है,जब तक कि उस पर उसके लिए कोई नुकसान निष्कर्षित न होता हो।
दूसरा :
आप के ऊपर किसी भी संभावित तरीक़े से बैंक को ऋण वापस करना अनिवार्य है,और आप के लिए उस धन का सदक़ा करना काफी (पर्याप्त) नहीं है ;क्योंकि सदक़ा उस समय किया जाता है जब हक़ वाले का पता न चले या उसके पास तक पहुँचना संभव न हो, अतः इंसान उस हक़ का सदक़ा कर देगा इस आधार पर कि जब उस का मालिक मिलेगा उसे उस सदक़ा को लागू करने या उस हक़ को लेने के बीच चयन करने का अधिकार होगा।
यहाँ पर हक़ वाला बैंक है और वह मौजूद है, अतः उसे वह पैसा लौटाना अनिवार्य है और आप कोई ऐसा उपाय खोजें जो आप को जवाबदेही और सज़ा से छुटकारा दे सके।