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एक सुन्नी आदमी राफिज़ा की बातों से प्रभावित है और सच व ठीक बात की जानकारी में हैरान है

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प्रकाशन की तिथि : 30-11-2014

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प्रश्न

क्या कर्बला की घटना एक सही ऐतिहासिक घटना है? यदि बात ऐसी ही है तो भाषण देने वाले अपने भाषणों में इस विषय को क्यों नहीं उठाते हैं? एक ऐसी घटना जिसमें पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम के नवासे क़त्ल कर दिए गए क्या वह उल्लेखनीय नहीं है? . . क्या नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने यह वर्णन नहीं किया है कि आपके बाद 12 इमाम होंगे ?! क्या वे शियाओं के इमाम नहीं हैं !?

इन दिनों मैं शीया की कुछ किताबों में पढ़ता हू तो मुझे मिलता है कि बहुत सारे तथ्य जिन पर वे विश्वास रखते हैं, उन्हें हम अपने अहले सुन्नत की किताबों में वर्णित पाते हैं, जैसे उदाहरण के तौर पर अबू बक्र और फातिमा रज़ियल्लाहु अन्हुमा के बीच मतभेद! वास्तव में मैं हैरान हूँ और मुझे इसके स्पष्टीकरण की ज़रूरत है कि कौन सच्चा है? वे लोग या हम? आप से अपने इस प्रश्न का उत्तर पाने की अभिलाषा करता हूँ। मैं जानता हूँ कि यह एक संवेदनशील विषय है, लेकिन वास्तव में मुझे मदद की आवश्यकता है। अल्लाह आप को अच्छा बदला प्रदान करे। और आप पर अल्लाह की दया व शांति और उसकी बर्कत (आशीर्वाद) अवतरित हो।

उत्तर का पाठ

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.

सर्व प्रथम:

”कर्बला” कीघटना सही है, और उसका संक्षेपऔर उसकी कहानीका तथ्य प्रश्नसंख्या : (112051) के उत्तरमें देखें।

जहाँ तक अह्लेसुन्नत के खतीबों(उपदेशकों) के इसमुद्दे को न छेड़नेकी बात है, तो यहसूक्ष्म बात नहींहै, और जुमा का खुत्बा(भाषण) क़िस्से कहानियोंका वर्णन करनेके लिए नहीं है।यह तो मात्र तौहीद(अल्लाह के एकेश्वरवाद)को सिद्ध करनेऔर लोगों के लिएउनके धर्म के सुधारऔर उन्हें जिनउपदेशों की आवश्यकताहोती है, उनके बारेमें लाभदायक बातेंबताने के लिए है।हर आदमी को इस कहानीऔर उसके आयाम कोजानने की आवश्यकतानहीं है। परंतुजिन देशों के लोगोंको इस हादसा केतथ्य से अवज्ञतहोने और विस्तारके साथ राफिज़ाके झूठ और उनकेआधारों के असत्यऔर व्यर्थ होनेकी जानकारी कीज़रूरत होती है:उनमें इस घटनाका अधिकतर चर्चाकिया जाता है, औरउसके विस्तार काउल्लेख किया जाताहै। और जहाँ भीकर्बला की पवित्रता, या हुसैन कीहत्या, यायज़ीद बिन मुआवियाके उनकी हत्यासे बरी होने, याराफिज़ा के धर्मके पहली बार एकराजनीतिक सिद्धांतके रूप में प्रकटहोने का वर्णनकिया जाता है : तोकर्बला के हादसाका विस्तार केसाथ वर्णन कियाजाता है। और अह्लेसुन्नत का इस हादसाको फैलाने मेंलंबा हाथ है, चुनांचेउन्हों ने उसकेअसानीद का अन्वेषणकिया, अपनीऐतिहासिक किताबोंऔर हदीस की व्याख्याओं, और फिरक़ वमज़ाहिब (धार्मिकदलों औरपंथों) के बारेमें अपनी किताबोंमें उसका उल्लेखकिया है, तथा आपइतिहास या फिरक़व मज़ाहिब के बारेमें कोई किताबनहीं पायेंगे मगरउसमें इस हादसाका अवश्य उल्लेखहोगा।

कर्बला कीधरती की हमारीशरीअत में कोईप्रतिष्ठा व फज़ीलतनहीं है, तथा आप देखेंकि राफिज़ा ने कर्बलाके मामले सेसंबंधित इस्लामके हेर-फेर और परिवर्तनमें क्या क्याकिया है ताकि आपकोपता चल जाए कि वेलोग सत्यमार्गपर नहीं हैं। हमनहीं जानते किआप यह बात कैसेकह रहे हैं कि आपउनके एतिक़ाद(आस्था) और तरीक़ेके बारे में हैरानऔर असमंजस्य मेंहैं, जबकि आप आडियो, वीडियो औरलेख के द्वाराउनके धर्म मेंहेर-फेर, कुफ्र, शिर्क, अतिश्योक्ति, झूठ और छलको देख रहे हैं?! बहरहाल, आप देखें किउन्हों ने कर्बलाकी धरती का कितनास्थान और महत्वबना दिया है क्योंकिउनके – गुमान केअनुसार – उसमेंहुसैन की क़ब्रहै, यहाँ तक कि उसकीज़ियारत को दस लाखहज्ज! और दस लाखउम्रा से बेहतरक़रार दिया है! इसकेअलावा अन्य चीज़ेंभी हैं, चुनांचे ‘‘वसाइलुशशीआ” (10/332) में आप अबूअब्दुल्लाह सेवर्णित पायेंगेकि उन्हों ने कहा: ”यदि तुम हज्ज करनेका इरादा करो औरतुम्हारे लिए संभवन हो सके, तो तुम हुसैनकी क़ब्र के पासआओ क्योंकि वहआपके के लिए एहहज्ज लिखा जायेगा।और अगर आप उम्राकरना चाहते हैंऔर आपके लिए वहसंभव न हो सका तोआप हुसैन की क़ब्रके पास आयें तोवह आपके लिए एकउम्रा लिखा जायेगा!”और उसी में (10/360) अबूअब्दुल्लाह सेही वर्णित है किउन्हों ने कहा:”जिसने अरफा केदिन हुसैन के क़ब्रकी ज़ियारत की अल्लाहउसके लिए क़ायमअलैहिस्सलाम केसाथ दस लाख हज्जऔर रसूलुल्लाहसल्लल्लाहुअलैहि व सल्लमके साथ दस लाख उम्राकरने, एकहज़ार जान आज़ादकरने, औरअल्लाह के रास्तेमें एक हज़ार घोड़ेलादने का सवाबलिखा जायेगा, और अल्लाहसर्वशक्तिमानउसका नाम रखेगाकि मेरा सिद्दीक़(सच्चा) बन्दा मेरेवादे पर ईमान लाया, और फरिश्तेकहेंगे : फलानाव्यक्ति सिद्दीक़है, अल्लाह ने अपनेअर्श (सिंहासन)के ऊपर से उसे पवित्रघोषित किया है, और धरती परउसे करूबी कहाजाता है।”! क्या इस तरहके लोगों की पथ-भ्रष्टताऔर दुर्दशा केबारे में कोई आदमीसन्देह कर सकताहै?!

दूसरा :

जहाँ तक इसबात का संबंध हैकि नबी सल्लल्लाहुअलैहि व सल्लमने अपने बाद बारहखलीफाओं के प्रकटहोने की सूचनादी है और उनके ज़मानेकी प्रशंसा कीहै, तोइसके बारे मेंसही हदीसें वर्णितहैं : जाबिर बिनसमुरह रज़ियल्लाहुअन्हु से वर्णितहै कि उन्हों नेकहा: मैं अपने पिताके साथ नबी सल्लल्लाहुअलैहि व सल्लमके पास आया, तो आप को फरमातेहुए सुना : ”यह मामलासंपन्न नहीं होगायहाँ तक कि उनकेबीच बारह खलीफान बीत जायें। वहकहते हैं : फिर आपने कोई बात कहीजो मेरे ऊपर गुप्तरह गई। वह कहतेहैं कि : मैंने अपनेपिता से पूछा किआप सल्लल्लाहुअलैहि व सल्लमने क्या कहा है? तोउन्हों ने कहाकि : ”सब के सब क़ुरैशसे होंगे।” इसेबुखारी (हदीससंख्याः 7222) और मुस्लिम(हदीस संख्याः1821) ने रिवायत कियाहै और शब्द उन्ही– यानी मुस्लिम- के हैं, औरउन्हीं के यहाँएक रिवायत के शब्दयह हैं कि ‘‘बारह खलीफाओंतक इस्लाम शक्तिशालीरहेगा।”, और एक रिवायतके शब्द यह हैं: ”धर्म निरंतर बारहखलीफाओं तक शक्तिशालीऔर सुरक्षित रहेगा।”लेकिनबुखारी के शब्दमें आया है कि : ‘‘ बारह अमीर(हाकिम) होंगे – फिरआप ने कोई बात कहीजो मै नहीं सुनसका तो मेरे पिताने कहा: आप ने कहाहै कि – वे सब के सबक़ुरैश से होंगे।”

विद्वानोंने इस हदीस के अर्थ, और उन अमीरोंया इमामों को उनकेव्यक्तित्व यागुणों के द्वारानिर्धारित करनेके बारे में बहुतवजहों (रूपों) परमतभेद किया है, लेकिन उनमेंसे कोई भी वह चीज़नहीं है जो राफिज़ागुमान करते हैंकि वे उनके बारहइमाम हैं। हमनेएक सविस्तार उत्तरमें प्रश्न संख्या: (146316) के तहत हदीस केरूपों का उल्लेखकिया है और राफिज़ाके गुमान का उत्तरदिया है, तो उसे देखनाचाहिए, क्योंकिवह लाभदायक है।

तीसरा :

रही बात अबूबक्र सिद्दीक़ औरफातिमा रज़ियल्लाहुअन्हुमा के बीचमतभेद की, तो हमने उसेविस्तार से उल्लेखकिया है, और उस घटनाके बारे में राफिज़ाके झूठ का खण्डनकिया है, अतः आप प्रश्नसंख्या (125876) का उत्तरदेखें आपके लिएयह स्पष्ट हो जायेगाकि राफिज़ा झूठेऔर झूठा आरोप लगानेवाले हैं, और अबू बक्रसिद्दीक़ अपने कथनऔर कर्म में जोकुछ उनके और फातिमारज़ियल्लाहु अन्हाके बीच पेश आया, उसमें सच्चेथे। इसके बावजूदआप उन्हें ऊँचेशिष्टाचार वालाऔर बुलंद पद वालापायेंगे, जिनके कारणवह इश्दूतों औरपैगंबरों के बादसबसे अच्छे आदमीहोने के अधिकारीबन गए।

चौथा :

राफिज़ा कामामला अब अहलेसुन्नत पर गुप्तनहीं रह गया है, वे पहले ज़मानेमें तक़िय्याकरते थे।लेकिन अब उन्होंने अपने पुरानेआस्था को ज़ाहिरकर दिया है, और उन मेंसे बहुत सी चीज़ोंको आडियो और वीडियोद्वारा प्रलेखितकिया गया है, क्या आप नेयह बात नहीं सुनीकि उनके दो बड़ोंने उम्मुल मोमिनीनआयशा रज़ियल्लाहुअन्हा के फिस्क़व फुजूर के बारेमें मुबाहला किया!? क्याआप ने अपनी आंखोंसे नहीं देखा किवे अपने इमामोंकी समाधियों केपास सज्दा करतेहैं और उसके चारोंओर परिक्रमा करतेहैं!? क्याआप ने नहीं सुनाकि वे अबू बक्रऔर उमर रज़ियल्लाहुअन्हुमा पर अभिशापभेजते हैं!? क्याआपको इराक़ मेंअहले सुन्नत केसाथ उनके जघन्यअपराध की सूचनानहीं पहुंची यहाँतक कि वे ”उमर” नामरखने वाले बच्चोंऔर बूढ़ों तक कीहत्या कर देतेहैं!? क्या आपने उन बहसों कोनहीं देखा जो अहलेसुन्नत ने उनकेअक़ताब के साथ कियाताकि उनकी किताबोंऔर उनके समकालीनइमामों की ज़ुबानीउनके अनेकेश्वरवाद, उनकी पथ-भ्रष्टता, उनके नवाचार, उनके झूठ औरउनके विरूपण कोउजागर करें?! और अधिकढेर सारी चीज़ेंजिनको उनके बुरेअक़ीदे और असत्यतरीक़े को स्पष्टकरने के लिए इसजवाब में समेटनाहमारे लिए संभवनहीं है। सवालकरनेवाले भाई आपसे अनुरोध है किआप भावना से दूररहें और अपने दिमागसे सोचें ताकिआप उन लोगों परवह हुक्म लगा सकेंजिसके वे लोग हक़दारहैं। हमने आप सेउनके हालात काएक अंश ही उल्लेखकिया है, अन्यथा मामलाउससे कहीं बढ़करहै जो हम ने उल्लेखकिया है। आप उनकेहालाता के बारेमें अधिक जानकारीके लिए प्रश्नसंख्याः (101272) और (43458)और (44970) और (4569) और (1148) और(20738) और (21500) और (125890) के उत्तरोंमें देख सकते हैं।

तथा अह्लेबैत के बारे मेंअह्ले सुन्नत केअक़ीदा व आस्थाके बारे में प्रश्नसंख्या (125874) का उत्तरदेखें।

आप अपने पालनहारअल्लाह से उससेदुआ करके और उसकेसामने विनती औरगिड़गिड़ाकर मददहासिल कीजिए किवह आप को सत्य मार्गदर्शाए और आपकोसीधा रास्ता दिखाए।

और अल्लाहतआला ही सबसे अधिकज्ञान रखता है।

स्रोत: साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर