हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
मुसलमानों के लिए नव वर्ष दिवस पर आपस में बधाइयों का आदान प्रदान करना जायज़ नहीं है, जिस तरह कि उनके लिए उसका जश्न मनाना जायज़ नहीं है ; क्योंकि इन दोनों मामलों में काफिरों (नास्तिकों) की समानता अपनाना (उनकी नकल करना) पाया जाता है, हालांकि हमें इससे रोका गया है। नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया :
''जिसने किसी क़ौम की समानता अपनाई वह उन्हीं में से है।'' इसे अबू दाऊद (हदीस संख्या : 4031) ने रिवायत किया है और अल्बानी ने ''सहीह सुनन अबू दाऊद'' में इसे सहीह कहा है।
तथा किसी ऐसे दिन की बधाई देना जो हर वर्ष आता है, उसका उत्सव मनाने और उसे ईद (त्योहार) बनाने के अर्थ में आता है। और यह भी निषिद्ध और वर्जित है।
इस्लाम प्रश्न और उत्तर