हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
ऐ प्रिय प्रश्नकर्ता! घबराएँ नहीं, क्योंकि यह मामला आपकी कल्पना और भ्रम से कहीं अधिक आसान है।
आप जिससे पीड़ित हैं उसकी मिसाल एक परछाई की तरह है, जो बड़ी होती गई यहाँ तक कि दीवार को भर दी। क्योंकि प्रकाश का स्रोत एक भ्रामक स्थान पर रखा गया है।
यदि (प्रकाश के) इस स्रोत को सही स्थान पर रख दिया जाए, तो परछाई (छाया) अपना सही आकार ले लेगी।
जबकि वह दोनों स्थितियों में एक परछाई ही है जिसके पीछे कोई लाभ नहीं, चाहे वह बड़ी हो या छोटी।
आपकी स्थिति इस परछाई से अधिक कुछ नहीं है, इसलिए इसे साधारण समझें (घबराएँ नहीं)।
शैतान आपके ईमान को नहीं छीन सकता, क्योंकि ईमान देने वाला और छीनने वाला अल्लाह है। यदि अल्लाह आपकी रक्षा करे, तो आप हर नुक़सान से सुरक्षित रहेंगे।
यदि आप शैतान द्वारा डाली गई इन भयावह चीज़ों (आशंकाओं) से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो आपको अपना दिल मज़बूत करना चाहिए और निम्न कार्य करना चाहिए :
1- जब भी आपके मन में इनमें से कोई विचार आए, तो अल्लाह की शरण लें और ऊबें नहीं। क्योंकि शैतान अनिवार्य रूप से पराजित होगा और भाग जाएगा। यह अल्लाह की ओर से एक सच्चा वादा है :
وَإِمَّا يَنْزَغَنَّكَ مِنَ الشَّيْطَانِ نَزْغٌ فَاسْتَعِذْ بِاللَّهِ إِنَّهُ هُوَ السَّمِيعُ الْعَلِيمُ
سورة فصلت: 36
“और यदि शैतान आपको उकसाए, तो अल्लाह से शरण माँगिए। निःसंदेह वह सब कुछ सुनने वाला, सब कुछ जानने वाला है।” [सूरत फुस्सिलत : 36].
2- इन दुष्ट विचारों को नज़रअंदाज करें, इन्हें कभी दिल में न लाएँ और इनके बारे में बिल्कुल भी न सोचें। तथा इनके साथ बहस न करें और इसके संबंध में आपके सामने आने वाले किसी भी सवाल या समस्या का जवाब न दें।
तथा शैतान की ओर से कुफ़्र या पथभ्रष्टता या नरक की आग की धमकी और डरावे के आगे न झुकें।
क्या आप जानते हैं क्योंॽ क्योंकि आपके ईमान का मूल्यांकन करने में इन धमकियों का कोई मूल्य नहीं है, और आपके साथ ऐसा कुछ भी नहीं होगा।
यह टीवी स्क्रीन पर डरावने दृश्यों की तरह हैं जो दर्शक को नुकसान नहीं पहुँचाते हैं, और जब टीवी बंद कर दी जाती हैं तो सब कुछ समाप्त हो जाता है।
3- अपने समय, अपने विचार और अपने दिल को लाभकारी और उपयोगी चीज़ों से भर दें, और अच्छे लोगों के साथ मेल-मिलाप रखें। क्योंकि शायद आप खालीपन (फ़ुर्सत, बहुत अधिक खाली समय होना) और अकेलेपन से पीड़ित हैं। इसलिए कि शैतान भरे हुए बर्तन के पास नहीं आता।
4- रात और दिन की विभिन्न घड़ियों में दुआ किया करें, क्योंकि जब अल्लाह का आरोग्य आ जाए, तो वह कोई बीमारी नहीं छोड़ता, बल्कि उसका अंत कर देता है।
5- रात की घड़ियों, दिन के किनारों (सुबह एवं शाम) तथा हर समय और वक़्त में अल्लाह के ज़िक्र (स्मरण) के साथ अपने आपको मज़बूत रखें। क्योंकि अल्लाह के ज़िक्र के समान कोई चीज़ नहीं जिसके द्वारा मनुष्य अपने आपको संरक्षित कर सके और अपने दुश्मन की साजिशों से खुद को सुरक्षित रख सके; इसलिए आपकी ज़बान हमेशा अल्लाह की याद में लीन रहनी चाहिए।
6- इस ईमानी (आध्यात्मिक) उपचार के साथ-साथ, आपको किसी कुशल विशेषज्ञ चिकित्सक से परामर्श करना चाहिए। क्योंकि बाध्यकारी विचार (जुनूनी बाध्यकारी विकार) के ऐसे चिकित्सा उपचार हैं, जो अल्लाह की अनुमति से लाभकारी हैं। यदि आप दोनों : ईमानी (आध्यात्मिक) और चिकित्सा उपचारों को अपनाते हैं : तो यह आपके लिए अधिक फायदेमंद होगा, और अल्लाह की अनुमति से आपके निरोग होने की अधिक संभावना है।
यदि आप इन सलाहों (युक्तियों) को अपनाते हैं और उनके साथ बने रहते हैं तथा अपने नफ्स को नियंत्रित करने का भरसक प्रयास करते हैं, तो अल्लाह की अनुमति से आपपर स्वस्थ होने के प्रथम शुभ संकेत प्रकट होंगे, जो घंटे-दर-घंटे बढ़ते जाएँगे, यहाँ तक कि कुछ दिनों के बाद आप, अल्लाह की तौफ़ीक़ से, पूरी तरह से ठीक हो जाएँगे।
तथा प्रश्न संख्या : (102851 ) और (25778 ) के उत्तर भी देखें।
अल्लाह आपको ईमान पर सुदृढ़ रखे और आपको स्वास्थ्य और क्षमा प्रदान करे।
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।