हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
यदि मामला ऐसा ही है, जैसा कि आपने उल्लेख किया है कि आपने बच्ची को अच्छी स्थिति में सामान्य डिलीवरी से जन्म दिया, फिर वह दस दिनों के बाद मर गई, तो आप पर कुछ भी करना अनिवार्य नहीं है।
तथा आपके आपने भ्रूण से छुटकारा पाने के बारे में सोचने पर - जैसा कि आपके प्रश्न के शीर्षक में उल्लेख किया गया है – कोई चीज़ निष्कर्षित नहीं होती है; क्योंकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया है : “अल्लाह तआला ने मेरी उम्मत से उस चीज़ को क्षमा कर दिया है जो उनके दिलों में कल्पनाएँ पैदा होती हैं जब तक कि वे मुँह से बाहर न निकालें या या उसके अनुसार काम न करें।'' इसे बुखारी (हदीस संख्या : 2528) और मुस्लिम (हदीस संख्या: 127) ने रिवायत किया है।
तथा दवा लेने की उपेक्षा करना उत्तरदायित्व को अनिवार्य नहीं बनाता है, क्योंकि विद्वानों की बहुमत के अनुसार दवा लेना (चिकित्सा उपचार कराना) अनिवार्य नहीं है, बल्कि यह मुस्तहब (वांछनीय) या मुबाह (अनुमेय) है, और क्योंकि दवा से लक्ष्य प्राप्त भी हो सकता है और नहीं भी हो सकता है।
शैखुल-इस्लाम इब्ने तैमिय्यह रहिमहुल्लाह ने कहा : “इमामों (प्रमुख विद्वानों) की बहुमत के अनुसार चिकित्सा उपचार प्राप्त करना (औषधि-प्रयोग) अनिवार्य नहीं है। केवल विद्वानों के एक छोटे समूह ने इसे अनिवार्य माना है, जैसा कि शाफ़ेई और अहमद के कुछ अनुयायियों ने ऐसा कहा है।”
“मजमूउल-फतावा” (24/269) से उद्धरण समाप्त हुआ।
“फतावा अल-लजनह अद-दाईमह” (21/404) में आया है : “मैं अपने नौवें महीने में गर्भवती थी और मुझे कुछ दर्द महसूस हुआ, जिसके कारण मुझे अस्पताल जाना पड़ा। संबंधित डॉक्टर ने मुझे भ्रूण (शिशु) को बचाने के लिए जल्दी से सर्जरी करवाने की सलाह दी। क्योंकि प्राकृतिक तरीके से जन्म देना संभव नहीं है। लेकिन मैंने उस सर्जरी को करने से मना कर दिया। डॉक्टर ने मुझे सूचित किया कि अगर मैं इतनी जल्दी ऑपरेशन करवाने के लिए सहमत नहीं हुई, तो यह भ्रूण के लिए एक जोखिम है, और इससे भ्रूण की मृत्यु हो सकती है। और वास्तव में, कुछ दिनों के बाद मेरे पेट में उसकी मृत्यु हो गई।
माननीय शैख : क्या उसके बारे में मेरे ऊपर कोई पाप है और क्या मैं खुद को यह समझूँ कि मैं उसकी मृत्यु का कारण बनी हूँ, क्योंकि मैंने उस सर्जरी से इनकार कर दिया, जिससे डॉक्टरों के कथन के अनुसार, अल्लाह की इच्छा (मर्जी) से उस भ्रूण का जीवन बच जाता, जो खतरे से पीड़ित थाॽ क्या यह मेरे ऊपर लगातार दो महीने रोज़े रखने का प्रायश्चित (कफ़्फ़ारा) अनिवार्य कर देगाॽ
उत्तर : यदि वस्तुस्थिति वही है जिसका प्रश्न में उल्लेख किया गया है : तो भ्रूण की मृत्यु के बारे में आप पर कोई चीज़ अनिवार्य नहीं है, क्योंकि आपका सर्जरी से इनकार करना भ्रूण के जीवन के बारे में लापरवाही करना नहीं माना जाएगा, और न ही उसकी मृत्यु का कारण बनना समझा जाएगा।
इसके अलावा, यह तथ्य भी है कि हो सकता है कि सर्जरी से डॉक्टर द्वारा बताए गया लक्ष्य प्राप्त न हो। और मूल सिद्धांत उत्तरदायित्व से रहित होना है, और हर प्रकार की प्रशंसा अल्लाह के लिए योग्य है।
और अल्लाह ही तौफ़ीक़ (सामर्थ्य) प्रदान करने वाला है, तथा अल्लाह हमारे नबी मुहम्मद और उनके परिवार और साथियों पर दया और शांति अवतरित करे।” उद्धरण समाप्त हुआ।
निष्कर्ष यह कि आपको कुछ भी करने की आवश्यकता नहीं है।
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।