हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
इब्ने उसैमीन रहिमहुल्लाह ने कहा :
“मोहरिम को अपने बालों में कंघी नहीं करनी चाहिए। क्योंकि मोहरिम के लिए उचित यह है कि वह अस्त-व्यस्त बालों वाला और धूल-धूसरित हो। जबकि उसके लिए बाल धोने में कोई हर्ज नहीं है, परंतु कंघी करने से बाल झड़ सकते हैं। लेकिन अगर मोहरिम के अपने सिर को खुजाने या रगड़ने आदि से अनायास ही कुछ बाल गिर जाएँ, तो इसमें उसपर कोई पाप नहीं है, क्योंकि उसने जानबूझकर उन बालों को नहीं हटाया है। तथा यह बात जान लेनी चाहिए कि एहराम की स्थिति में मना की गई सभी चीजें, यदि कोई व्यक्ति उन्हें जानबूझकर नहीं करता है, बल्कि वे गलती से या भूल से उससे हो जाती हैं, तो इस मामले में उसपर कोई पाप नहीं है, क्योंकि अल्लाह तआला अपनी किताब में कहता है :
وَلَيْسَ عَلَيْكُمْ جُنَاحٌ فِيمَا أَخْطَأْتُمْ بِهِ وَلَكِنْ مَا تَعَمَّدَتْ قُلُوبُكُمْ وَكَانَ اللَّهُ غَفُوراً رَحِيماً
الأحزاب:5
“और तुमपर उसमें कोई दोष नहीं है, जो ग़लती से हो जाए, लेकिन (दोष उसमें है) जो तुम दिल के इरादे से करो। तथा अल्लाह अति क्षमाशील, अत्यंत दयावान् है।” (सूरतुल अहज़ाब : 5)
तथा अल्लाह तआला का फरमान है :
رَبَّنَا لا تُؤَاخِذْنَا إِنْ نَسِينَا أَوْ أَخْطَأْنَا
البقرة: 286
“ऐ हमारे पालनहार! यदि हम भूल गए हों या हमसे गलती हो गई हो, तो हमारी पकड़ न करना।” (सूरतुल बक़रा : 286), तो अल्लाह तआला ने फरमाया : मैंने स्वीकार किया।