हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
जी हाँ,मामलों के अंदर बुनियादी सिद्धांत जाइज़ और हलाल होना है,और उनमें से कोई भी चीज़ बिना किसी प्रमाण के हराम ठहराना जाइज़ नहीं है। और आप त्योहारों के लिए जो कार्ड बनाते हैं उनका हुक्म उन त्योहारों के बदलने के ऐतिबार से बदलता रहता है,यदि वह कार्ड काफिरों के किसी त्योहार की बधाई देने के लिए है - जैसे कि क्रिसमस का त्योहार - या किसी बिद्अत के त्योहार -जैसे कि मीलादुन्नबी और इस्रा व मेराज का त्योहार- या ऐसे त्योहार जिनके अंदर काफिरों की समानता पाई जाती है - जैसे कि राष्ट्रीय त्योहार और जन्म दिवस- : तो आपके लिए उन्हें बनाना और बेचना जाइज़ नहीं है, और न ही किसी दूसरे के लिए उसे आपसे खरीदना ही जाइज़ है ; क्योंकि इसके अंदर उन शरीअत के विरूद्ध त्योहारों पर सहमति जताना पाया जाता है ;और इसलिए कि उसके अंदर पाप और आक्रामकता पर सहयोग करना पाया जाता है।
और यदि वे त्योहार शरीअत सिद्ध हैं - और ईदुल फित्र व ईदुल अज़हा के अलावा कोई शरीअत सिद्ध त्योहार नहीं हैं - तो आपके लिए उनकी बधाई के कार्ड बनाना जाइज़ है,तथा आपके लिए उन्हें बेचना भी जाइज़ है,इस शर्त के साथ कि आप शरई या वैध इबारतों का चयन करें,उदाहरण के तौर पर “तक़ब्बलल्लाहो मिन्ना व मिनकुम” (अल्लाह हमारे और आपके अमल को स्वीकार करे) या इसी के समान अन्य इबारतें।
तथा प्रश्न संख्या (947) के उत्तर में नास्तिकों को उनके त्योहारों की बधाई देने के निषेद्ध, प्रश्न संख्या (782) के उत्तर में ईसाईयों के त्योहारों में उनके त्योहारों के कार्ड बेचने के निषेद्ध तथा प्रश्न संख्या (50074) के उत्तर में सहस्राब्दी के समारोहों में शामिल होने के बारे में इफ्ता की स्थायी समिति के विद्वानों का बयान उद्धृत किया गया है, और उसके अंदर काफिरों के साथ उनके त्योहारों में सहयोग की अवैधता का उल्लेख है, तथा सहयोग के पहलुओं में से जिनका विद्वानों ने उल्लेख किया है : उनमें “कपड़े और यादगार स्मारक बनाना, या कार्ड मुद्रित करना” है।
तथा प्रश्न संख्या (49014), (49021) और (36442) के उत्तरों में शरई त्योहारों की बधाई के जाइज़ होना का वर्णन पायेंगे।