हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
हमने उक्त प्रश्न को आदरणीय शैख मुहम्मद बिन उसैमीन के समक्ष प्रस्तुत किया तो उन्होंने इस प्रकार उत्तर दियाः
मैं समझता हूँ कि यह कार्य बिद्अत (नवाचार) के अधिक निकट है, और अनुमेय होने के अनुपात में निषेध के अधिक निकट है। क्योंकि यह उसे ईद (नियमित त्योहार) बनाया जाना है। यदि ऐसा एक बार संयोग से हो जाए तो इसमें कोई आपत्ति की बात नहीं है।
इसका सारांश (निष्कर्ष) क्या हुआॽ
इसका उत्तर यह है किः हम इससे रोकते हैं (इसकी अनुमति नहीं देते हैं)। समाप्त हुआ।
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक जानने वाला है।