हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
ब्याज पर आधारित उधार लेना सख्त वर्जित है। क्योंकि ब्याज के बारे में कड़ी चेतावनी आई है, जिसमें इसे खाने वाला (लेने वाला), इसे खिलाने वाला (देने वाला) और इसे लिखने वाला सब बराबर हैं, जैसा कि मुस्लिम (हदीस संख्या : 1598) ने जाबिर रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत किया है कि उन्होंने कहा : अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने सूद खाने वाले पर और सूद खिलाने वाले पर और सूद लिखने वाले पर और सूद के गवाहों पर ला’नत (धिक्कार) भेजी है। और फरमाया : वे सब (पाप में) बराबर हैं।”
जिस व्यक्ति ने सूद पर आधारित ऋण लिया है, और उससे कोई घर या सामान खरीदा है, तो वह उस घर में रहकर या सामान बेचकर या इसके अलावा अन्य चीज़ के द्वारा उसका लाभ उठा सकता है, जबकि उसपर अल्लाह से तौबा करना अनिवार्य है।
इसलिए उससे किराए पर लेने में आपपर कोई दोष नहीं है, भले ही उसने अपार्टमेंट में व्यापार करने या उससे लाभ कमाने के लिए पैसे उधार लिए हों। इसका पाप उस (महिला) पर है, क्योंकि वही है जिसने ब्याज का लेन-देन किया है।
तथा प्रश्न संख्या (22905 ) का उत्तर भी देखें।
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।