सोमवार 3 जुमादा-1 1446 - 4 नवंबर 2024
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मादा जानवर की क़ुर्बानी करने का हुक्म

प्रश्न

प्रश्न : क्या मादा जानवर क़ुर्बानी के तौर पर जायज़ है?

उत्तर का पाठ

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.

उत्तर :

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है।

क़ुर्बानी के जानवर के अंदर इस बात की शर्त है कि वे चौपायों में से हों, ऐब से मुक्त हों, शरीअत द्वारा मोतबर आयु को पहुँचते हों। इस बारे में नर और मादा के बीच कोई फर्क़ नहीं है। चुनाँचे दोनों तरह के जानवरों की क़ुर्बानी करना जायज़ है।

इमाम नववी रहिमहुल्लाह ने ‘‘अल-मजमूअ’’ (8/364) में फरमाया : ‘‘क़ुर्बानी में पर्याप्त जानवर की शर्त यह है कि वह चौपायों में से हो, और वे ऊँट, गाय और बकरी हैं, इसमें सभी प्रकार के ऊँट, सभी प्रकार की गायें और सभी प्रकार की बकरियाँ जैसे भेड़, बकरे और उनके प्रकार, सब बराबर हैं। तथा इन चौपायों के अलावा जैसे जंगली गाय, जंगली गदहे वगैरह बिना किसी मतभेद के पर्याप्त नहीं होंगे। तथा उन सभी जानवरों में से नर और मादा बराबर हैं, हमारे निकट इसमें से किसी चीज़ के अंदर मतभेद नहीं है।’’ संक्षेप के साथ समाप्त हुआ।

तथा इफ्ता की स्थायी समिति के विद्वानों से प्रश्न किया गया : हमें क़ुर्बानी के जानवर के बारे में सूचना दीजिए, क्या छः महीने की बकरी पर्याप्त होगी क्योंकि वे लोग कहते हैं कि : बकरी या मेमना पूरे एक साल का ही काफी होगा?

तो समिति ने उत्तर दिया : ‘‘भेड़ से क़ुर्बानी के जानवर में वही र्प्याप्त होगा जिसकी आयु छः महीने हो और वह सातवें महीने में दाखिल हो चुका हो, चाहे वह नर हो या मादा। इसका नाम जज़अह है। क्योंकि अबू दाऊद और नसाई ने मुजाशे की हदीस से रिवायत किया है कि उन्हों ने कहा : मैं ने अल्लाह के पैगंबर सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को फरमाते हुए सुना : ‘‘जज़अह - यानी भेड़ का छः महीने का बच्चा - वह काम करेगा, जो सनी - दो दांत वाला बकरा - करता है।’’ तथा बकरा, गाय और ऊँट में से वही काफी होगा जो दो दांत वाला हो, चाहे वह नर हो या मादा। और वह बकरा-बकरी में से वह जानवर है जो एक साल का हो गया है और दूसरे साल में दाखिल हो गया हो। गाय में से वह जानवर है जिसका दो साल पूरा हो गया हो और वह तीसरे साल में दाखिल हो गया हो। और ऊँट में से वह जानवर है जिसका पाँच साल पूरा हो गया हो और वह छठे साल में दाखिल हो गया हो। क्योंकि नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया है : ‘‘केवल दांत वाला जानवर ज़बह करो, सिवाय इसके कि तुम्हारे लिए दुर्लभ हो जाए तो ऐसी अवस्था में भेड़ का जज़अह -छः महीने का बच्चा - ज़बह करो।’’ इसे मुस्लिम ने रिवायत किया है।’’ समाप्त हुआ।

‘‘फतावा स्थायी समिति’’ (11/414).

तथा क़ुर्बानी के जानवर की शर्तें प्रश्न संख्या (36755) के उत्तर में देखें।

स्रोत: साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर