हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
“हाँ, अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम से प्रमाणित है कि आप ने फरमाया : “जो भी मुसलमान कोई पेड़-पौधा लगाता है या फ़सल उगाता है, फिर उसमें से कोई पक्षी, या कोई मनुष्य, या कोई जानवर खाता है, तो वह उसके कारण उसके लिए सदक़ा होगा।”
ये फसलें जो एक मुस्लिम उगाता है, या वह जो खजूर के पेड़ या किसी अन्य प्रकार के पेड़ लगाता है, उसके लिए उनके कारण प्रतिफल है। तथा उनमें से जो कुछ भी लिया जाता है, जैसे कि जानवर जो इस हरियाली में चरता है, या एक पक्षी जो खाता है, या कोई व्यक्ति जो उसके पास से गुज़रता है और खाता है, तो वह उसके लिए उसके कारण दान होगा। इसी तरह जो कुछ भी उनमें से लिया जाता है और उसे लोगों को दान में दिया जाता है, तथा इसी तरह जो कुछ वह अपने घर वालों को देता है, ये सब उस भलाई में से है जो इस पेड़ लगाने के परिणामस्वरूप उसे प्राप्त होती है।”उद्धरण समाप्त हुआ।
आदरणीय शैख अब्दुल-अज़ीज़ बिन बाज़ रहिमहुल्लाह
“फ़तावा नूरुन अला अद-दर्ब” (2/1215)।