रविवार 21 जुमादा-2 1446 - 22 दिसंबर 2024
हिन्दी

यदि उसने खाया और कुल्ला नहीं किया, फिर नमाज़ के लिए खड़ा हो गया, तो क्या उसकी नमाज़ सही हैॽ

प्रश्न

मैं वुज़ू से था और मैंने कुछ मिठाइयाँ खाईं, फिर मैं नमाज़ के लिए खड़ा हो गया और मैंने अपना मुँह नहीं धोया। तो क्या मेरी नमाज़ सही हैॽ

उत्तर का पाठ

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.

जो आदमी नमाज़ के लिए खड़ा हो, उसके लिए मुस्तहब है कि वह अपने मुँह में फँसे हुए किसी भी बचे हुए भोजन या उसकी गंध को दूर कर दे। इसी कारण नमाज़ के लिए उठते समय मिसवाक का उपयोग करना धर्मसंगत है।

यदि वह ऐसा नहीं करता है, तो उसपर कुछ भी अनिवार्य नहीं है और उसकी नमाज़ सही (मान्य) है।

अहमद (हदीस संख्या : 2541) ने इब्ने अब्बास रज़ियल्लाहु अन्हुमा से रिवायत किया है कि उन्होंने कहा : मैंने अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम को बकरी की एक हड्डी पर लगा मांस खाते देखा, फिर आपने नमाज़ पढ़ी और आपने कुल्ला नहीं किया और न पानी छुआ।”

इसे अलबानी ने “अस-सहीहा” (हदीस संख्या : 3028) में सहीह कहा है।

तथा अबू दाऊद (हदीस संख्या : 197) ने अनस रज़ियल्लाहु अन्हु से रिवायत किया है कि अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने दूध पिया, फिर आपने न कुल्ला किया और न वुज़ू किया और आपने नमाज़ पढ़ी।” इसे अलबानी ने “सहीह अबी दाऊद” में हसन के रूप में वर्गीकृत किया है।

“औनुल-मा’बूद” में कहा गया है :

“यह इंगित करता है कि दूध और उसके अलावा अन्य वसा युक्त (चिकनाहट वाली) चीज़ों से कुल्ला करना आवश्यक नहीं है, बल्कि यह वैकल्पिक है।” उद्धरण समाप्त हुआ।

शैख़ इब्ने बाज़ रहिमहुल्लाह से पूछा गया :

फ़र्ज़ नमाज़ का समय हो जाता है और मैं वुज़ू से होता हूँ, लेकिन मैंने कुछ खाया होता है और हो सकता है मेरे दाँतों में उसके कुछ निशान रह गए हों। तो क्या मेरे लिए उसे हटाने के लिए कुल्ला करना अनिवार्य है या नहींॽ

उन्होंने उत्तर दिया : भोजन के निशान को हटाने के लिए कुल्ला करना मुस्तहब है। लेकिन यदि उनमें से कोई चीज़ आपके दाँतों में रह जाती है, तो वह नमाज़ के हुक्म को प्रभावित नहीं करेगी। लेकिन अगर ऊँट का मांस खाया गया है, तो नमाज़ से पहले वुज़ू करना ज़रूरी है, क्योंकि ऊँट का मांस खाने से वुज़ू टूट जाता है।” उद्धरण समाप्त हुआ।

“मजमूओ फ़तावा इब्न बाज़” (29/52)

और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।

स्रोत: साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर