हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
किसी जानवर को बाएँ हाथ से ज़बह करने में कोई हर्ज नहीं है।
फतवा जारी करने की स्थायी समिति के विद्वानों से पूछा गया :
एक दिन मैंने एक दावत करने का फैसला किया, और मैं अपने मेहमानों के लिए खाना पकाने के लिए रसोइया लाया। फिर मैं यह देखकर चौंक गया कि रसोइया शरीयत के अनुसार “बिस्मिल्लाह व अल्लाहु अकबर” (अल्लाह के नाम पर और अल्लाह सबसे महान है) कहने के साथ, अपने बाएँ हाथ से जानवर ज़बह कर रहा है। मैं उस पर चिल्लाया : “नहीं, ऐसा नहीं है!”, तो उसने मुझसे कहा : “मैंने मशाइख (विद्वानों) से अनुमति तलब की और उन्होंने मुझे बाएँ हाथ से ज़बह करने की अनुमति दी है।”
तो उन्होंने उत्तर दिया : “इसमें कोई हर्ज नहीं है, लेकिन यदि संभव हो तो दाहिने हाथ से ज़बह करना बेहतर है।” उद्धरण समाप्त हुआ।
“फतावा अल-लजनह अद-दाईमह” (22/474-475)।
और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।