हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह के लिए योग्य है ।सर्व प्रथम :
वित्तीय लेन देन,व्यापारिक अनुबंध,और विशेष रूप से बैंकों के व्यवहार,एक विस्तृत अध्याय है और इसके विषय में बहुत सी पुस्तकें लिखी गई हैं,और जो व्यक्ति इस अध्याय में निपुणता पैदा करना चाहता है उसे चाहिए कि फिक़्ह (धर्म शास्त्र) की प्रसिद्ध पुस्तकों से मामलात (लेन देन) के अध्यायों का अध्ययन करे,फिर वह समकालीन मामलों का अध्ययन करे,और इन को उनसे जोड़े ताकि उसे इन मसाइल (मुद्दों) का सही तसव्वुर (धारणा) और सूक्ष्म व यथार्थ समझ प्राप्त हो सके।
समकालीन अनुसंधानों और पुस्तकों में से जो नये और पुराने दोनों मामलात को समेटे हुई हैं कुछ यह हैं : डॉक्टर अब्दुल वहाब अबू सलमान की किताब “फिक़्हुल मुआमलातिल हदीसा”, डॉक्टर अली सालूस की किताब “फिक़्हुल बुयूअ़्” और “अल-इक़्तिसादुल इस्लामी”, प्रोफेसरों के एक समूह की “मौसूआ फतावा अल-मुआमलातिल मालिय्या लिल-मसारिफ वल-मुअस्ससातिल मालिय्या अल-इस्लाममिय्या”,हैअतुल मुहासबा वल मुराजआ लिल-मुअस्ससातिल मालिय्या अल-इस्लामिय्या की किताब “अल-मआईर अश्शरईया”, डॉक्टर उमर बिन अब्दुल अज़ीज़ अल-मुत्रिक की किताब “अर्-रिबा वल-मुआमलातुल मसरफिया”, डॉक्टर यूसुफ अश-शबीली की किताब “अल-खिदमातुल इस्तिसमारिय्या फिल-मसारिफ व अहकामुहा फिल फिक्हिल इस्लामी”।
दूसरा :
जो व्यक्ति किसी बैंक में काम करना चाहता है वह अपने देश के विद्वानों से उस बैंक और उसके मामलात के शरीअत से अनुशासित होने के बारे में प्रश्न करे।
तीसरा :
जो व्यक्ति कोई इबादत या लेन देन करना चाहता है उसके लिए आवश्यक है कि वह उसके अहकाम (प्रावधानों) की जानकारी प्राप्त करे,यह उस ज्ञान में से है जो प्रत्येक व्यक्ति पर अनिवार्य है। और उसकी जानकारी अध्ययन करने और शिक्षा प्राप्त करने,या विद्वानों से प्रश्न करने के द्वारा होगी।
तथा फायदा के लिए प्रश्न संख्या (71178)का उत्तर देखें,इसी तरह हम आपको इस साइट पर लेन देन के फतावा और कारोबार के प्रावधानों से अवगत होने की सलाह देते हैं, क्योंकि उसमें बहुत से आवश्यक समकालीन मुद्दों का वर्णन है।