हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
यदि आपका पति अदालत में गया है, या किसी विश्वसनीय विद्वान से फत्वा पूछा है और उसने तीन तलाक़ पड़ने का फत्वा दिया है, तो मामला उसके फत्वा के अनुसार होगा और आप उसके लिए हलाल नहीं हैं।
और यदि उसने किसी से फत्वा नहीं पूछा है या अदालत के पास नहीं गया है, तो हमारे निकट विश्वसनीय और क़ाबिले एतिमाद फत्वा यह है कि मासिक धर्म की हालत में तलाक़ नहीं पड़ती है, न तो एक तलाक़ और न ही उससे अधिक तलाक़, और यह कि तीन तलाक़ यदि वह पाकी की हालत में होती है तो एक ही तलाक़ समझी जायेगी। अगर आपका पति इस फत्वा को लेता है या उसने स्वयं ऐसे आदमी से फत्वा पूछा है जो तलाक़ न पड़ने की बात कहता है तो आप दोनों अपनी निकाह पर बाक़ी रहेंगे, और आप दोनों पर कोई तलाक़ नहीं होगी।
और यदि उसने किसी ऐसे विद्वान से फत्वा पूछा है जो मासिक धर्म में तलाक़ पड़ने के मत को मानने वाला है लेकिन वह तीन को एक तलाक़ क़रार देता है, तो आपके ऊपर एक तलाक़ पड़ी है और जब तक आप इद्दत के दौरान हैं उसे आप को लौटाने का अधिकार है।
तथा प्रश्न संख्या : (72417), (36580), (147987) और (96194) का उत्तर देखें, उनमें हम ने जो कुछ उल्लेख किया है उसके बारे में विद्वानों के फत्वे मौजूद हैं।