हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
स्थायी समिति से पूछा गया : अगर कोई महिला या डॉक्टर योनि में कोई चिकित्सा उपकरण या दवा डालती है, तो क्या ग़ुस्ल करना ज़रूरी है?
क्या इससे रोज़ा बातिल (अमान्य) हो जाता है?
तो उसने उत्तर दिया : “यदि उपर्युक्त बात हो जाती है, तो उसके कारण जनाबत का ग़ुस्ल करना अनिवार्य नहीं है, और यह रोज़े को अमान्य नहीं करता है।”