हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
वह जनाज़ा की नमाज़ को मुकम्मल करे, चुनाँचि वह ताबूत को उठाने से पहले क़ज़ा के तौर पर तीन तकबीरें कहे जो उस से छूट गई हैं, फिर सलाम फेर दे। उस ने इमाम के साथ जो नमाज़ पाई है उसे नमाज़ का पहला हिस्सा माना जायेगा, दूसरी और तीसरी तकबीर के बाद उस के लिए कम से कम वाजिब की अदायगी कर लेना पर्याप्त है, अत: दूसरी तकबीर के बाद : "अल्लाहुम्मा सल्ले अला मुहम्मद" (ऐ अल्लाह! मुहम्मद पर आशीर्वाद भेज) कहे, और तीसरी तकबीर के बाद : "अल्लाहुम्मग फिर-लहु" (ऐ अल्लाह उसे क्षमा कर दे) कहे, और चौथी तकबीर कहने के बाद सलाम फेर दे।
और अल्लाह तआला ही तौफीक़ देने वाला (शक्ति का स्रोत) है, तथा हमारे ईश्दूत मुहम्मद, आप की संतान और आप के साथियों पर अल्लाह तआला की दया और शांति अवतरित हो।