हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.
जिस व्यक्ति ने ज़कातुल फित्र नहीं निकाली है उस पर अनिवार्य है कि वह अल्लाह तआला से तौबा करे और उस से क्षमा याचना करे, क्योंकि वह उसे रोकने के कारण पापी और दोषी है। तथा वह उसे निकाल कर उसके हक़दारों तक पहुँचाये।और ईद की नमाज़ के बाद उसे सामान्य सदक़ों में से एक सदका़ समझा जायेगा।
और अल्लाह तआला ही तौफीक़ प्रदान करने वाला (शक्ति का स्रोत) है।