रविवार 21 जुमादा-2 1446 - 22 दिसंबर 2024
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दूसरे देश में प्रवेश करने के लिए झूठ बोलना

प्रश्न

मेरा एक देश के दूतावास में एक इंटरव्यू है, और मेरे लिए केवल तभी यात्रा करना संभव है जब मैं एक झूठ बोलता हूँ जिसमें किसी का कोई नुकसान नहीं है, जबकि उसमें मेरा फायदा है। इस प्रकार कि मैं कहूँ कि मेरे एक मित्र ने मेरे देश में मुझसे मिलने के बाद मुझे इस देश में आने के लिए आमंत्रित किया है। लेकिन सच्चाई यह है कि सिरे से मेरा कोई मित्र नहीं है। परंतु मैं सिर्फ यात्रा करना चाहता हूँ। क्या इस स्थिति में मेरे लिए झूठ बोलना जायज़ हैॽ और अगर मुझे इस यात्रा के बाद नौकरी मिल जाती है, तो क्या यह हराम होगी या नहींॽ

उत्तर का पाठ

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.

सर्व प्रथम :

मूल सिद्धांत यह है कि झूठ बोलना हराम (निषिद्ध), निंदनीय और वर्जित है, सिवाय कुछ अपवादित परिस्थितियों (मामलों) के। और आपका मामला उनमें से नहीं है; क्योंकि यह दूसरे के अधिकार से संबंधित है, और वह राज्य का अधिकार है। उसने उन लोगों के लिए कुछ शर्तें निर्धारित की हैं जिन्हें वह प्रवेश करने की अनुमति देता है। इसलिए इन शर्तों को दरकिनार करने के लिए झूठ बोलना और चाल चलना जायज़ नहीं है।

यही मूल सिद्धांत है। जबकि कुछ मामलों (परिस्थितियों) में अपवाद हो सकता है, जिनके संबंध में विशिष्ट फतवा होता है।

नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया : “निःसंदेह सच्चाई नेकी की ओर ले जाती है, और नेकी जन्नत की ओर ले जाती है। एक आदमी सच्च बोलता है यहाँ तक कि वह बड़ा सच्चा हो जाता है। तथा निःसंदेह झूठ बोलना बुराई की ओर ले जाता है, और बुराई नरक की ओर ले जाती है, तथा आदमी झूठ बोलता रहता है यहाँ तक कि वह अल्लाह के पास बड़ा झूठा लिख दिया जाता है।” इसे बुखारी (हदीस संख्या : 5629) और मुस्लिम (हदीस संख्या : 4719) ने रिवायत किया है।

तथा नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया : “चालबाज़ी और धोखा-धड़ी आग (जहन्नम) में है।” इसे अल-बैहक़ी ने “शुअब अल-ईमान” में रिवायत किया है और अलबानी ने सहीह अल-जामे' (हदीस संख्या : 6725) में सहीह कहा है। तथा बुखारी ने अपनी सहीह में मुअल्लक़न इन शब्दों के साथ रिवायत किया है “धोखा-धड़ी आग में है। जिसने ऐसा कार्य किया जिसपर हमारा आदेश नहीं है तो वह अस्वीकार्य है।”

दूसरा :

जिस व्यक्ति ने किसी देश में प्रवेश करने के लिए निषिद्ध झूठ का उपयोग किया और फिर वह उसमें कोई अनुमेय काम करता है, तो उसके लिए वह काम करना हराम (वर्जित) नहीं है, सिवाय इसके कि नियोक्ता यह शर्त निर्धारित कर दे कि कार्यकर्ता ने देश में वैध तरीक़े से प्रवेश किया हो। ऐसी स्थिति में उसके लिए उसे धोखा देना और उससे झूठ बोलना हराम है।

और अल्लाह तआला ही सबसे अधिक ज्ञान रखता है।

स्रोत: साइट इस्लाम प्रश्न और उत्तर