रविवार 21 जुमादा-2 1446 - 22 दिसंबर 2024
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ईदैन की नमाज़ के लिए एलान करना

प्रश्न

ईदुल-फ़ित्र और ईदुल-अज़्ह़ा की नमाज़ से पहले लाउडस्पीकर का उपयोग करने के बार में आपकी क्या राय है, ताकि मुसलमानों को उपस्थित होने के लिए आह्वान किया जाए और उन्हें यह समझाया जाए कि ईद की नमाज़ अनिवार्य है और उसमें छह (अतिरिक्त) तकबीरें होती हैंॽ

उत्तर का पाठ

हर प्रकार की प्रशंसा और गुणगान केवल अल्लाह तआला के लिए योग्य है।.

अल्लाह के रसूल सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम का तरीक़ा (निर्देश) है कि ईदुल-फ़ित्र की नमाज़ के लिए या ईदुल-अज़्ह़ा की नमाज़ के लिए उसकी अदायगी से पहले आह्वान न किया जाए; ताकि लोग ईदगाह में उपस्थित हों, या इस उद्देश्य से कि उन्हें नमाज़ का हुक्म बताया जाए। तथा ऐसा करना उचित नहीं है, चाहे वह माइक्रोफोन के माध्यम से हो या उसके बिना; क्योंकि अल्लाह का शुक्र है कि उन दोनों नमाज़ों का समय सर्वज्ञात है। अल्लाह तआला का फरमान है :

  لقد كان لكم في رسول الله أسوة حسنة لمن كان يرجو الله واليوم الآخر

الأحزاب/ 21

“निःसंदेह तुम्हारे लिए अल्लाह के रसूल (मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) में सर्वश्रेष्ठ आदर्श है, हर उस व्यक्ति के लिए जो अल्लाह (से मिलने) की और आख़िरत के दिन की आशा रखता है और अल्लाह को बहुत याद करता है।” (सूरतुल-अहज़ाब : 21)

अतः अधिकार रखनेवाले शासकों और विद्वानों को चाहिए कि वे ईद के दिन से पहले ही मुसलमानों को इस नमाज़ के हुक्म से अवगत कराएँ, उन्हें इसका तरीक़ा बताएँ तथा उनके लिए इस बात को स्पष्ट करें कि उन्हें उसके दौरान तथा उससे पहले और उसके बाद क्या करना चाहिए; ताकि वे ईदगाह में उसके समय पर उपस्थित होने के लिए तैयार रहें और उसे उसके शरई तरीक़े के अनुसार अदा कर सकें।

और अल्लाह ही तौफ़ीक़ (सामर्थ्य) प्रदान करने वाला है।

स्रोत: अल-लज्नह अद्-दाईमह लिल-बुहूस अल-इलमिय्यह वल-इफ़्ता” (8/313).